लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। नतीजे आने के बाद नई सरकार का शपथ ग्रहण भी हो चुका है। विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता भी ले ली है। यहां तक कि नए मंत्रियों ने विभागों के बंटवारे के बाद अपने विभाग भी संभाल लिए हैं पर इस सब के बीच यूपी के राजनीतिक गलियारों में इस समय हलचल मची हुई है। वजह है प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंंह यादव का पहले दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करना और फिर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना।
अटकलें ये भी लग रही हैं कि भाजपा शिवपाल को अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से रिक्त हुई आजमगढ़ संसदीय सीट के उपचुनाव में भी उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तो शिवपाल अपनी जसवंतनगर विधानसभा सीट से बेटे आदित्य यादव को उपचुनाव में भाजपा के टिकट से उतार सकते हैं।