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राकेश टिकैत ने सरकार पर उठाया सवाल, कहा- स्वतंत्र एजेंसी से हो जांच


नई दिल्ली। कृषि कानूनों (New farm Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। वहीं भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार पर आरोप लगया है कि वो इस आंदोलन का तोड़ना चाहती है, लेकिन ऐसा संभव नहीं होगा। संयुक्त किसान मोर्चा सरकार से बात करेगा। ये बातें टिकैत कुंडली बॉर्डर पर पहुंच आंदोलनकारी किसानों को संबोधित करते हुए कह रहे थे।

इस दौरान एक बार फिर से उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई हिंसा पर बात करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 3 लाख ट्रैक्टरों में 4 लाख लोग भरकर आए थे, लेकिन एक के टायर की हवा तक नहीं निकली। ये आंदोलन और ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों के अनुशासन का नतीजा था। ऐसे में दिल्ली के लाल किले पर रातों-रात हुड़दंगी कैसे घुस गए? टिकैत ने ये भी कहा कि अगर इसकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।

अबकी बार दिल्ली में 40 लाख ट्रैक्टर आएंगे- टिकैत
टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर पूंजीपतियों की तिजोरी में रोटी कैद नहीं होने देंगे। इसके लिए वो हर संघर्ष करने को तैयार हैं। अबकी बार दिल्ली में 40 लाख ट्रैक्टर आएंगे और हम सरकार को बता देंगे कि ये किसी एक राज्य या किसी एक इलाके का आंदोलन नहीं बल्की पूरे देश का आंदोलन है।

18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान
बता दें कि आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की बुधवार को घोषणा की। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जायेगा। बयान में कहा गया है, ”पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जायेगा।” तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

आंदोलनकारी किसान मुद्दों का समाधान चाहते हैं : टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे। टिकैत ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र कृषकों के मुद्दों का समाधान नहीं कर देता।