राजकोट। गुजरात के राजकोट के गेम जोन में पिछले महीने भीषण आग लग गई थी। इस वजह से 27 लोगों की मौत हो गई। अब इस मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है। बताया जा रहा है राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के दो कर्मचारियों ने गेम जोन से संबंधित दस्तावेजों में कुछ बदलाव किए थे। उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाए हैं। फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में अब दो और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
इस घटना में छह सरकारी कर्मचारियों सहित अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पहले गिरफ्तार किए गए चार सरकारी कर्मचारियों में राजकोट के टाउन प्लानिंग ऑफिसर एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना और गौतम जोशी और कलावड रोड फायर स्टेशन के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा शामिल हैं। राजकोट के पुलिस उपायुक्त पार्थराजसिंह गोहिल ने इसकी जानकारी दी है।
गेम जोन के सह मालिक ने किया था सरेंडर
पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा, आग लगने की घटना के बाद उन्होंने टीआरपी गेम जोन से संबंधित सरकारी दस्तावेजों में कुछ बदलाव किए। उन्होंने फर्जी दस्तावेज भी बनाए। इस सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। गेम जोन के एक सह-मालिक अशोकसिंह जाडेजा ने दो दिन पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जडेजा टीआरपी गेम जोन के छह मालिकों में से एक हैं। उनमें से पांच को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है और एक की 25 मई की आग में मौत हो गई।
गेम जोन का मैनेजर भी हुआ था गिरफ्तार
इस मामले में गेम जोन के एक मैनेजर को भी गिरफ्तार किया गया है। पहले गिरफ्तार किए गए चार सरकारी कर्मचारियों में राजकोट के टाउन प्लानिंग ऑफिसर एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना और गौतम जोशी और कलावड रोड फायर स्टेशन के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा शामिल हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि राजकोट की घटना के बाद, राज्य भर में कई गेम जोन और अन्य मनोरंजन केंद्रों को सील कर दिया गया और अनुमति के बिना ऐसी सुविधाएं चलाने के लिए मालिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गईं।