नई दिल्ली, । रूस और यूक्रेन बीच लंबे वक्त से युद्ध का दौर जारी है। लेकिन इस बार के युद्ध में टेक्नोलॉजी का अहम रोल रहने वाला है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस के खिलाफ इंटरनेट का इस्तेमाल हथियार की तरह किया जा रहा था। वाजिब है कि टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह से पश्चिमी और यूरोपीय देशों का दबदबा है। जिसका फायदा अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को मिल रहा है। ऐसे में रूस के खिलाफ टेक्नोलॉजी और इंटरनेट का इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जा रहा है। रूस में इंटरनेट को सीमित करने से लेकर सोशल मीडिया ऐप को प्रतिबंधित कर दिया गया।
इंटरनेट के हथियार के तौर पर इस्तेमाल को लेकर भारत चिंतित
हालांकि इसे लेकर भारत सतर्क हो गया है। दरअसल भारत खुद को ऐसे देश के तौर पर विकसित करना चाहता है, जिस पर अगर युद्ध थोपा जाएं, तो उसके खिलाफ इंटरनेट और टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल हथियार की तरह ना किया जा सके। इसे लेकर भारत पूरी ताकत के साथ काम कर रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध में इंटरनेट को जिस तरह से किसी एक देश के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया है। इसे लेकर भारत जैसे देश का चिंतित होना जरूरी है। खासकर भारत को इस मामले में काम करना शुरू कर देना चाहिए।
भारत बनेगा आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट वाला देश
सरकार ने साफ कहा कि हम इंटरनेट को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में काम करेंगे। जिस पर किसी अन्य देश का दखल और कंट्रोल नहीं होगा। इंटरनेट को किसी राष्ट्र के प्रभाव से मुक्त रखने की कोशिशश होगी। साथ ही इंटरनेट को ज्यादा सिक्योर बनाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इसे लेकर सरकार को मौजूदा नियमों और फ्रेम वर्क में बदलाव करना होगा। सरकार जल्द ही डेटा और साइबर सिक्योरिटी कानून लेकर आएगी।