बता दें कि पिछले महीने जुलाई में पीएम मोदी ने अपने एक बयान में मुफ्त सरकारी योजनाओं की घोषणा करने को रेवड़ी कल्चर कहा था। इसके बाद पीएम का यह बयान सियासी बहस का मुद्दा बन गया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें आज यानी मंगलवार को कोर्ट अहम सुनवाई करने वाला है।
इस मामले की सुनवाई खुद सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ये फ्री योजनाएं देश, राज्य और जनता पर बोझ बढ़ाता है। इस पर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सरकार भी इस बात से सहमत है। ऐसी आदतें आर्थिक विनाश की ओर ले जाती हैं। याचिकाकर्ता ने विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की थी, लेकिन बेंच ने कहा कि पहले अन्य के सुझाव पर भी गौर करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट भी मान चुका रेवड़ी कल्चर को गंभीर
बता दें कि 11 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रेवड़ी कल्चर को गंभीर माना था। SC का दो टूक कहना था कि पैसों का उपयोग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए होना चाहिए। इस मामले में आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट को तर्क दिया था कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त के रेवड़ी कल्चर में अंतर है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अर्थव्यवस्था, पैसा और लोगों के कल्याण के बीच संतुलन जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ये फ्री योजनाएं देश, राज्य और जनता पर बोझ बढ़ाता है। इस पर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सरकार भी इस बात से सहमत है। याचिकाकर्ता ने विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की थी, लेकिन बेंच ने कहा कि पहले अन्य के सुझाव पर भी गौर करेंगे। आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इस मुद्दों पर विचार के लिए विशेषज्ञ कमिटी के गठन की मांग का विरोध किया था।
आम आदमी पार्टी ने जताया था ऐतराज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेवड़ी कल्चर वाले बयान पर आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दल के नेताओं ने ऐतराज जताया था। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोदी के बयान के तत्काल बाद पूरे गुजरात में प्रदर्शन किया था। आम आदमी पार्टी ने 200 यूनिट तक बिजली बिल माफी जैसी मुफ्त या अत्यधिक सब्सिडी वाली सेवाओं के दिल्ली मॉडल को प्रदर्शित करके चुनावी अभियान गुजरात में अपने चुनावी अभियान को आधार बनाया है। इसे लेकर ही फ्रीबीज पर ये बवाल मचा है।