नई दिल्ली, : पूरे विश्व में फैली कोरोना महामारी के कारण वर्क फ्राम होम का चलन का प्रसार तेजी से हुआ है। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों के साथ-साथ कोर्ट की कार्यवाही भी वर्चुअल तौर पर हो रही है। ताकि, कोरोना प्रतिबंधों का पालन करते हुए रफ्तार के साथ फैल रहे संक्रमण पर रोक लगाई जा सके। लेकिन काम करने के इस तरीके की वजह से बहुत सी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है। देश के चीफ जस्टिस ने मोबाइल फोन के जरिए सुनवाई में भाग लेने पर नाराजगी व्यक्त की है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि वर्चुअल सुनवाई में मोबाइल फोन के जरिए शामिल होने पर न्यायाधीशों को सुनने और देखने में मुश्किल होती है।
वकीलों के लिए CJI के निर्देश
मुख्य न्यायाधीश रमना ने निर्देश दिए हैं कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील लैपटाप और डेस्कटाप का इस्तेमाल करें। मामलों की सुनवाई के दौरान वकील मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने बचें। सीजेआई ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “मोबाइल फोन के माध्यम से पेश होने पर बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर यह प्रथा बंद नहीं हुई तो मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों से सवाल किया कि आईपैड, लैपटाप, डेस्कटाप का इस्तेमाल आप क्यों नहीं कर सकते हैं?”