Latest News TOP STORIES अन्तर्राष्ट्रीय उत्तर प्रदेश नयी दिल्ली

विदेशोंपर निर्भरता देश के लिए सबसे बड़े दुश्मनों में एक-मोदी



नयी दिल्ली (आससे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का आह्वान करते हुए कहा है कि विदेशों पर भारत की निर्भरता उसके सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है। उन्होंने कहा है कि अब समय आ गया है कि भारत 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए दुनिया के सामने एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में खड़ा हो। शनिवार को गुजरात के भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धिÓ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का लक्ष्य 2047 तक वैश्विक समुद्री व्यापार में अपनी हिस्सेदारी को तीन गुना करना है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके ही हम भारत को एक समुद्री महाशक्ति बना सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने 7 हजार 800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कई प्रमुख समुद्री परियोजनाओं के साथ मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब दुनिया का 40 से 50 प्रतिशत समुद्री व्यापार भारत में निर्मित जहाजों के माध्यम से होता था। उन्होंने कहा कि देश अब अपनी विरासत को पुन: प्राप्त करने और एक वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में उभरने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के तट हमेशा से समृद्धि के प्रतीक रहे हैं और अब इसके समुद्री तट भारत के भविष्य के विकास के प्रवेश द्वार बनेंगे। मोदी ने समुद्री क्षेत्र को कमज़ोर करने के लिए पिछली सरकारों को भी ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि लाइसेंस राज व्यवस्था और वैश्वीकरण के बाद की नीतियों के कारण विदेशी देशों पर निर्भरता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र अगली पीढ़ी के सुधारों के दौर से गुज़र रहा है। साथ ही यह घोषणा भी की कि यह क्षेत्र जल्द ही एक राष्ट्र, एक बंदरगाह प्रक्रिया को अपनाएगा, जिसका उद्देश्य पूरे देश में बंदरगाह प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। उन्होंने संसद में हाल ही में पारित हुए पाँच समुद्री-संबंधी विधेयकों को एक गेमचेंजर बताया जो बंदरगाह प्रशासन का आधुनिकीकरण करेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का विस्तार से उल्लेख किया। इसके तहत नये बंदरगाहों का विकास, मौजूदा बुनियादी ढाँचे का विस्तार और क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने का काम किया गया है। इसकी वजह से समग्र बंदरगाह क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत की सभ्यतागत समुद्री विरासत को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार देश की प्राचीन समुद्री परंपराओं को प्रदर्शित करने और उन्हें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के लिए लोथल में एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय स्थापित कर रही है।
—————–