नई दिल्ली । एक तरफ जहां विश्व की आबादी आठ अरब होने वाली है वहीं मौजूदा हालात किस कदर खराब है इसका जिक्र संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन कर रहा है। यूएन की संस्था एफएओ की फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में भूखमरी के शिकार लोगों की संख्या विश्व स्तर पर 82 करोड़ को पार कर चुकी है। ये आंकड़ा भारत की करीब 59 फीसद आबादी के बराबर है। आने वाले कुछ ही समय में ये 83 करोड़ का आंकड़ा भी छू लेगी।
2020 के बाद विश्व में भूखमरी के शिकार लोगों की संख्या में साढ़े चार करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। ये आंकड़ा अपने आप में बेहद चौकाने वाला हो सकता है, लेकिन मौजूदा समय की सच्चाई यही है। विश्व की आबादी बढ़ने से ये समस्या बेतहाशा बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं भूख से तरसते लोगों के लिए वर्ल्ड फूड प्रोग्राम हर रोज प्रभावित क्षेत्रों और देशों में 5600 ट्रक, 30 जहाज और 100 विमान खाद्य सामग्री के साथ रवाना करता है।
दुनिया में सबसे अधिक भूखे लोग अफ्रीका महाद्वीप में रहते हैं। इनका आंकड़ा करीब 20 फीसद से अधिक है। नंबरों में यदि बात की जाए तो यहां पर करीब 27 करोड़े से अधिक लोग भूखमरी का शिकार हैं। इसके बाद एशिया का नंबर आता है जहां करीब 9.1 फीसद लोग इसकी चपेट में हैं। नंबरों में ये करीब 42 करोड़ से अधिक हैं।
तीसरे नंबर पर लेटिन अमेरिका और कैरेबियन देश आते हैं जहां करीब 8.6 फीसद लोग दो वक्त का भोजन नहीं जुटा पाते हैं। इनकी आबादी 56 करोड़ है। चौथे नंबर पर ओशियाना देश हैं जहां करीब 5.8 फीसद है। यहां के 25 लाख लोग भूखमरी के शिकार हैं। यूनिसेफ के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2025 से पहले ही विश्व की आधी आबादी पानी की कमी से जूझ रही होगी। वर्ष 2030 तक करीब 70 करोड़ लोग पानी की कमी के चलते अपनी जमीन से दूर हो जाएंगे।