किसी ने नहीं सोचा था ऐसा होगा
शरद पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह दो नंबर की जगह उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार की होगी, ऐसा उनके चेहरे से नहीं लग रह है। लेकिन देवेंद्र फडणवीस नागपुर के हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। एक बार ऊपर से आदेश आने के बाद उसे स्वीकारना उनके संस्कारों में है। शिंदे मुख्यमंत्री होंगे, इसकी कल्पना किसी को नहीं थी। वह तो उपमुख्यमंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे थे। पवार ने खुद अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो शंकरराव चह्वाण मंत्री थे। उससे पहले मैं उनके मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुका था। अशोक चह्वाण ने भी मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्रीपद स्वीकार किया।
अब तक जो भी लोग शिवसेना छोड़कर गए हैं, उन्हें पराजित ही होना पड़ा
शरद पवार ने इसके साथ ही शिवसेना में हुई बगावत पर बोलते हुए कहा कि शिवसेना में यह कोई पहली बगावत नहीं है। अब तक जो भी लोग शिवसेना छोड़कर गए हैं, उन्हें पराजित ही होना पड़ा है। छगन भुजबल, नारायण राणे ऐसे ही पराजित होनेवाले नेता रहे हैं। हमारे नेतृत्व में हुए चुनाव में एक बार 67 विधायक चुनकर आए थे। उसके बाद मैं कुछ दिनों के लिए राज्य से बाहर गया तो सारे पार्टी छोड़कर भाग गए। मैं पुनः लौटकर आया तो सिर्फ छह विधायक ही मेरे साथ रह गए। लेकिन बाद में हुए चुनाव में छोड़कर गए सभी लोगों को हार का मुंह देखना पड़ा। उद्धव ठाकरे ने सत्ता से चिपके न रहकर अच्छा किया है।