सोल । उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामले के मद्देनजर देश में जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उसने मानवाधिकारों के उल्लंघन को पहले की तुलना में और अधिक बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि जानकारी हासिल करना, सख्त सीमा सुरक्षा और डिजिटल निगरानी पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत होगा रिपोर्ट
इस रिपोर्ट को सोल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने जारी किया है। मालूम हो कि जारी की गई रिपोर्ट को अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत किया जाएगा। मानवाधिकार समूह ने इस रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर की सत्तावादी सरकारों ने सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत करने और अपने विरोधियों को परेशान करने के लिए कोरोना महामारी के दौरान संकट का फायदा उठाया है।
उत्तर कोरिया सीमा को 2020 में किया गया था बंद
देश को छोड़कर अन्य देशों में शरण लेने वाले नेताओं के साक्षात्कार (interview), संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों ले ली गई जानकारी और ओपन सोर्स के माध्यम से रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 की शुरुआत में ही उत्तर कोरिया की सीमा को बंद कर दिया गया, जिससे बाहर से मिलने वाली सूचना पर प्रतिबंध लग गया। रिपोर्ट के मुताबिक सीमा पर सेना की उपस्थिति, सीमा की घेराबंदी, क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरों और सीमा पर मोशन डिटेक्टरों को पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत किया गया है।
देश की जानकारी को गुप्त रखने के लिए नई तकनीकों का प्रयोग
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने देश की जानकारी को विदेशी मीडिया तक नहीं पहुंचने देने के लिए डिजिटल वॉटरमार्किंग (digital watermarking) और देश के बाहर के रेडियो फ्रीक्वेंसी को जाम करने सहित कई नई तकनीकों का प्रयोग किया। इन सभी तकनीकों के माध्यम से देश की जानकारी को बाहर पहुंचाना लगभग न के बराबर हो गया है।
प्योंगयांग ने खारिज किया रिपोर्ट
प्योंगयांग ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें उत्तर कोरिया में अधिकारों के हनन का आरोप लगया गया था। उत्तर कोरिया ने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए संयुक्त राष्ट्र की जांच की आलोचना भी की है।