वाराणसी

समीक्षाके बाद छात्र हितमें लिया जायेगा फैसला


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को चरणबद्ध ढंग से खोलने के संदर्भ में गत महीनों में हुईं उच्च स्तरीय बैठकों में लिए गये निर्णय के आधार पर १७ फरवरी से अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए छात्रावास खोल दिये गये हैं। अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए हाईब्रिड मोड ऑफलाइन एवं ऑनलाइन में कक्षाएं २२ फरवरी से आरम्भ हो गयी हैं। इसी क्रम में कोविड-१९ की स्थिति को देखते हुए एवं भारत सरकार के दिशानिर्देशों के आलोक में लगभग १०-१५ दिन पश्चात पुन: स्थिति की समीक्षा की जायेगी एवं छात्रों के हित को केन्द्र में रखकर समुचित निर्णय लिया जायेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-१९ ने दुनिया भर में शिक्षण संस्थानों में ऑफलाइन पठन पाठन गतिविधियों को प्रभावित किया है। महामारी से निपटने के प्रयासों के मद्देनजऱ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भी ऑफलाइन कक्षाओं पर व्यापक असर पड़ा, हालांकि छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में ऑनलाइन मोड में निरन्तर पठन-पाठन गतिविधियां जारी रहीं। छात्रों का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा उनका हित सर्वोपरि है एवं इससे किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता।

प्रोफेसर अंजलि को मिसेज़ इंडिया का गुडनेस एम्बेसडर खिताब

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गायनोकोलॉजी विभागमें कार्यरत प्रोफेसर अंजलि रानी को अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित वीपीआर मिसेज़ इंडिया २०२१ प्रतियोगिता में मिसेज़ गुडनेस एम्बेसडर के खिताब से नवाज़ा गया है। अहमदाबाद में आयोजित इस प्रतियोगिता में देश भर से ४१ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। विवाहित महिलाओं के लिए आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विभिन्न भूमिकाओं में उनके योगदान को सराहते हुए प्रोत्साहित करना है, ताकि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें व समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की मुहिम का हिस्सा बनें। प्रोफेसर अंजलि रानी ने कहा हैं कि उन्होंने इस प्रतियोगिता में इसलिए प्रतिभाग लिया ताकि वे गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आने वाली परेशानियों एवं मातृ मुत्यु दर के बारे में जागरुकता फैला सकें।