उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सिंचाईके लिए बिजली न देना व्यवसाय के मूल अधिकारका उल्लंघन -हाईकोर्ट


प्रयागराज  (आससे)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के किसानो को बडी राहत दी है। कोर्ट ने विद्युत कंपनियो को सिंचाई के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने तथा  सभी जिलाधिकारियों को ट्यूबवेलो की मरम्मत व देखरेख करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि खेती की सिंचाई के लिए बिजली न देना संविधान के अनुच्छेद 19कि उल्लंघन है।इससे  कृषि व्यवसाय मे प्रभावित हो रहा है। कोर्ट ने कहा है कि सरकारी एजेन्सी का दायित्व है कि खेती की सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति अनवरत जारी रखे और ट्यूबवेल की मरम्मत व देखरेख करे।कोर्ट ने जिलाधिकारी  बादा को  बछेहरा गाव की पिपरी ट्यूबवेल की देखरेख करने का आदेश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की खंडपीठ ने नाथू प्रसाद कुशवाहा व 14अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना था कि ट्यूबवेल का कनेक्शन अक्सर कटा रहता है।ट्यूबवेल की भी मरम्मत नही की जाती । मरम्मत के लिए कोई एजेन्सी ही नही है।जिसके कारण खेती मे पानी नही मिल पा रहा है और फसलो को भारी नुकसान हो रहा है। इसपर कोर्ट ने सरकार से जानकारी मागी तो बताया कि विद्युत कनेक्शन जोड दिया गया है।इसपर याची ने कहा कि अक्सर कनेक्शन कट जाता है।और मरम्मत नही की जाती।इसपर कोर्ट से प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियो और सभी जिलाधिकारियो को निर्देश जारी किये है।और कहा है कि सिंचाई के लिए विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से चालू,रखी जाय।