-
-
- सामूहिक सोच और संकल्प से निखरेगा यह पर्यटक स्थल : उपमुख्यमंत्री
- कार्य योजना को लेकर सचिवालय में बैठक
-
(आज समाचार सेवा)
पटना। बेगूसराय के सिमरिया धाम के समेकित विकास और पर्यटकीय स्थल के रूप में इसे विकसित करने की व्यापक कार्य योजना को लेकर मुख्य सचिवालय के सभागार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह एवं उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजित हुई, जिसमें संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। उक्त बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, बुडको के प्रबंध निदेशक रमण कुमार, बेगूसराय के जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा, बेगूसराय जिला अंतर्गत सभी विधानसभा क्षेत्रों के विधायकगण के साथ पर्यटन, राजस्व और नगर विकास एवं आवास विभाग के वरीय पदाधिकारी, अभियंतागण उपस्थित थे।
उक्त बैठक को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सिमरिया घाट की आध्यात्मिक एवं धार्मिक पृष्ठभूमि रही है। सिमरिया धाम बिहार में धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां गंगा पर्यटन एवं टूरिज्म उद्योग असीम संभावनाएं हैं। राष्ट्रीय फलक पर पर्यटन के दृष्टिकोण से इसे स्थापित करने हेतु समग्र व्यापक कार्य योजना बनाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राजस्व, पर्यटन और नगर विकास एवं आवास विभाग की संयुक्त बैठक का आयोजन कर अंतर्विभागीय समन्वय के साथ इसका एक ब्लूप्रिंट तैयार कर बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के समक्ष प्रस्तुतीकरण होगा, जिसके पश्चात् इसके क्रियान्वयन पर निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सामूहिक सोच एवं संकल्प से सिमरिया धाम निखरेगा एवं श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र और पर्यटकीय दृष्टिकोण से राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि इसके समग्र विकास की दीर्घकालिक योजना एवं तात्कालिक योजनाओं पर विचार होगा। सिमरिया घाट पर सीढ़ी निर्माण, चेंजिंग रूम, स्थायी टॉयलेट, पहुंच पथ इत्यादि अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कार्य योजना पर विचार किया जायेगा।
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सिमरिया धाम के महत्व को देखते हुए इसके विकास की व्यापक कार्य योजना पर विचार किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सिमरिया धाम के विकास की समेकित योजनाओं पर कार्य हेतु समयबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा इसके लिए नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएं। सिमरिया धाम के पास पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने सिमरिया धाम में शवदाह गृह, प्रत्येक वर्ष लगने वाले कल्पवास मेला में श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं स्थायी एवं तात्कालिक व्यवस्था हेतु अलग-अलग कार्य योजना बनाने की आवश्यकता बतायी।
इस अवसर पर नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने कहा कि सिमरिया को बीहट नगर परिषद् क्षेत्र में शामिल किया गया है। नगरीय सुविधाओं के विकास में इस क्षेत्र में राशि खर्च करने में तकनीकी बाधा नहीं है। उन्होंने सिमरिया धाम के समग्र एवं समेकित विकास की दीर्घकालिक व्यापक योजना पर तकनीकी रूप से कार्य करने हेतु विशेषज्ञ एजेंसी एवं कंसलटेंट के माध्यम से कार्य करने की रूपरेखा तय की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर में लगने वाले कल्पवास मेला के लिए अल्पकालिक कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने बेगूसराय के जिलाधिकारी को दो से तीन दिन में प्रोजेक्ट बनाकर भेजने का निर्देश दिया। साथ ही, कहा कि विधि-व्यवस्था संधारण हेतु थाना आउटपोस्ट के लिए आवश्यक पहल किए जाएंगे एवं सिमरिया धाम के अंतर्गत होने वाले कार्यों के समुचित अनुश्रवण हेतु विभागीय एवं स्थानीय स्तर पर नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किये जायेंगे।
बैठक के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय, बिहार विधान परिषद् के सदस्य सर्वेश कुमार, बछवाड़ा विधायक सुरेंद्र मेहता, बेगूसराय के विधायक कुंदन कुमार, तेघड़ा के विधायक राम रतन सिंह, बखरी के विधायक सूर्यकांत पासवान ने भी अपने विचार रखे। बैठक के दौरान सिमरिया धाम के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि इसका पौराणिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस स्थल का विकास एक आदर्श नगर के रूप में किया जाना चाहिए तथा हरिद्वार की हरि की पौड़ी की तर्ज पर सांस्कृतिक और परंपराओं को देखते हुए जानकी पौड़ी का निर्माण किए जाने की आवश्यकता बतायी गयी ताकि सिमरिया धाम गंगा पर्यटन क्षेत्र के में एक मॉडल बन सके।