- विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) शुक्रवार को ‘संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय संगठनों (अफ्रीकी संघ) के बीच सहयोग’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बहस को संबोधित करेंगे. न्यूयॉर्क (New York) स्थित संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के स्थायी मिशन (Permanent Mission of India) ने ट्वीट किया, ‘कल संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय संगठनों (अफ्रीकी संघ) के बीच सहयोग पर UNSC उच्च स्तरीय वर्चुअल ओपन डिबेट होगी. विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर इस डिबेट को संबोधित करेंगे.’
अफ्रीकी संघ (African Union) एक महाद्वीपीय निकाय है, जिसमें अफ्रीकी महाद्वीप (African continent) से संबंधित 55 राज्य शामिल हैं. अफ्रीकी संघ को 2002 में अफ्रीकी एकता संगठन (OAU) के उत्तराधिकारी के रूप में लॉन्च किया गया था. इससे पहले, जयशंकर ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र दिवस की 76वीं वर्षगांठ पर संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने सुधारित बहुपक्षवाद के महत्व को दोहराया जो पुनर्संतुलन, निष्पक्षता और बहुध्रुवीयता को दर्शाता है. विदेश मंत्री ने कहा कि ये संयुक्त राष्ट्र की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता को बढ़ाने में हमेशा एक रचनात्मक शक्ति होगी.
हिन्द प्रशांत ‘जीवन की वास्तविकता’ है: जयशंकर
इससे पहले, विदेश मंत्री ने बुधवार को कहा कि जैसे-जैसे वैश्वीकरण का विस्तार होगा और यह अधिक विविधतापूर्ण होगा इससे एक-दूसरे पर निर्भरता और इससे जुड़े व्यापक प्रभाव को बढ़ावा मिलेगा जो कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र अभिव्यक्त करता है. हिन्द प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘ऐसे में हिन्द प्रशांत को नकारना वैश्वीकरण को नजरंदाज करने के समान है.’ विदेश मंत्री ने कहा कि हिन्द प्रशांत ‘जीवन की वास्तविकता’ है और इसलिये एकरूपता का प्रश्न वास्तविकता से अधिक अनुभूति है.