सहारनपुर, । कर्नाटक में छिड़ी हिजाब की जंग के बीच बुर्का पहनकर अल्लाहू अकबर के नारे लगाने वाली छात्रा मुस्कान खान के समर्थन में उलेमा भी उतर आए हैं। जहां जमीयत अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने मुस्कान को पांच लाख का नकद इनाम देने की घोषणा की है। वहीं, उलेमा ने कहा है कि अकेली छात्रा के सामने नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
तंजीम अबना-ए-दारुल उलूम के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती याद इलाही कासमी ने कहा कि कर्नाटक के कई कालेजों में हिजाब पर रोक लगाने की घटना निंदनीय है। कहा कि छोटी छोटी बातों को लेकर नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। सरकार इसका संज्ञान ले। साथ ही सभी सामाजिक संगठनों और हिंदू मुस्लिम एकता की बात करने वाले लोगों को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
दारुल उलूम हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती तारिक कासमी का कहना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जहां सभी को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है। यहां किसी को भी किसी के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। हिजाब का विरोध करने वाले राजनेताओं के इशारे पर नफरत फैलाने का काम कर रहे है। जो लोग नफरत फैलाने के लिए इस प्रकार का कार्य कर रहे है। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। अल कुरान फाउंडेशन के अध्यक्ष व प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना नदीमुलवाजदी का कहना है कि हिजाब हर औरत का कानूनी और मजहबी हक है। हुकुमतों, कॉलेजों और तमाम निजी संस्थानों को इसका ध्यान रखना चाहिए।