नई दिल्ली, देश में बीते महीने कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति कम थी। इस साल खुदरा मुद्रास्फीति दर 7.12 प्रतिशत रही। वहीं, जुलाई में यह दर 7.37 प्रतिशत था।
श्रम मंत्रालय के अपने एक बयान में कहा सीपीआई-एएल ( CPI-AL (consumer price index-agricultural labourers)) और सीपीआई-आरएल CPI-RL (rural labourers) पर आधारित मुद्रास्फीति की पॉइंट-टू-पॉइंट दर अगस्त में कम थी। जुलाई में यह दरें काफी ज्यादा थी। वहीं, अगस्त 2022 में सीपीआई-एएल 6.94 फीसदी और सीपीआई-आरएल 7.26 फीसदी थी।
मुद्रास्फीति के आंकड़ें
अगस्त में खाद्य मुद्रास्फीति 8.89 फीसदी (एएल) और 8.64 फीसदी (आरएल) रही। वहीं, जुलाई 2023 में यह 8.88 फीसदी और 8.63 फीसदी थी। वहीं, पिछले साल इसी महीने यानी अगस्त में यह 6.16 फीसदी और 6.21 फीसदी थी।
अगस्त 2023 में अखिल भारतीय सीपीआई-एएल 9 अंक की बढ़त के साथ 1,224 अंक और सीपीआई-आरएल 8 अंक बढ़कर 1,234 अंक पर पहुंच गए। जुलाई में सीपीआई-एएल 1,215 अंक और सीपीआई-आरएल 1,226 अंक थे।
ये सामान हुए महंगे
देश में चावल, गेहूं आटा, दालें, दूध, मांस-बकरी, चीनी, गुड़, मिर्च सूखा, हल्दी, लहसुन, प्याज, मिश्रित मसाले आदि की कीमतों बढ़ोतरी देखने को मिली है। देश के अलग राज्यों में इनकी दर अलग है। आपको बता दें कि एएल के मामले में, 20 राज्यों में 2 से 19 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। तमिलनाडु 1,423 अंकों के साथ इंडेक्स में टॉप पर रहा और हिमाचल प्रदेश 942 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
अगर आरएल की बात करें तो यह 20 राज्यों में 2-18 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। आंध्र प्रदेश 1,412 अंकों के साथ इंडेक्स में टॉप पर रहा है जबकि हिमाचल प्रदेश 1,003 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
राज्यों के बीच सीपीआई-एएल में सबसे ज्यादा बढ़त मेघालय में 19 अंक और आरएल के लिए गुजरात और मेघालय में 18 अंक में बढ़त देखी गई. इन राज्यों में मुख्य रूप से चावल, दालें, गोमांस, मूंगफली तेल, प्याज, हरी मिर्च,सूखा, जलाऊ लकड़ी, बस किराया, आदि की कीमतों में तेजी आई है।