प्रयागराज, उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या के मामले में छानबीन कर रही पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पता चला है कि खुद को माफिया का विरोध बताने वाले एक प्रधान ने अतीक के परिवार को पनाह दी थी।
हत्याकांड के बाद पुलिस ने जब छापेमारी शुरू की तो उसी प्रधान के घर पर खालिद अजीम उर्फ अशरफ की बीवी समेत परिवार के कई सदस्य छिपे थे, जिन्हें पूछताछ के लिए पकड़ा गया था। इतना ही नहीं, सनसनीखेज वारदात में नामजद अभियुक्त अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन भी चकिया में कई दिन तक रुकने के बाद हटवा पहुंची थी। इसके बाद वहां से कुछ करीबियों की मदद से फरार हुई।
गुरुवार को भी पुलिस और एसओजी की टीम ने 25 हजार की इनामी शाइस्ता की तलाश में कई जगह छापेमारी की। पूरामुफ्ती के हटवा, असरौली, मरियाडीह, धूमनगंज के पोंगहट पुल, कसारी-मसारी और कौशांबी के पिपरी, असरावल सहित गांव में दबिश दी गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
इस दौरान माफिया के कुछ रिश्तेदारों को उठाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि हटवा निवासी एक प्रधान के घर पर शाइस्ता हत्याकांड के कई दिन बाद पहुंची थी। शाइस्ता के जाने के बाद वह प्रधान भी गांव में नजर नहीं आ रहा है।
पुलिस को हैरानी उस वक्त हुई जब यह मालूम हुआ कि प्रधान तो खुद को माफिया का विरोधी बताता था। मगर वारदात के बाद उसी ने अतीक के परिवार को अपने घर में पनाह दी थी। इस आधार पर अब अतीक और उस प्रधान का कनेक्शन फिर से खंगाला जा रहा है। वारदात में उसकी भी भूमिका की छानबीन की जा रही है। उसके मोबाइल नंबर से लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास चल रहा है।