अफगानिस्तान की गृह स्थिति बहुत नाजुक दौर से गुजर रही है, अफगान सरकार के काफी प्रयासों के बाद भी तालिबानियों के साथ शांति समझौता नहीं हो पा रहा है। अफगानिस्तान सरकार तालिबान के आगे काफी हद तक बेबस नजर आ रही है, तो ऐसे में अफगानिस्तान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि तालिबान की हालिया गतिविधियों से साबित होता है कि संगठन की शांति स्थापना की कोई इच्छा नहीं है और सरकार अब इसी आधार पर फैसले करेगी।
गनी ने कहा कि वार्ता के लिए दोहा में एक उच्च पदस्थ प्रतिनिधिमंडल भेजने का सरकार का फैसला एक अंतिम शर्त (अल्टीमेटम) है। उन्होंने कहा, ”तालिबान ने बहुत सी बातें स्पष्ट की हैं। अब्दुल्ला (दोहा में सरकार के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख) ने कुछ मिनट पहले मुझसे कहा था कि तालिबान शांति के लिए बिलकुल इच्छुक नहीं है।
हमने अल्टीमेटम देने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा और यह दिखाने के लिए कि हम शांति कायम करना चाहते हैं और हम इसके लिए बलिदान के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी (तालिबान) शांति स्थापना की कोई इच्छा नहीं है और हमें इसके आधार पर निर्णय लेना चाहिए। गनी ने बताया कि सरकार ने 5,000 तालिबानी कैदियों को रिहा किया है, फिर भी समूह सार्थक बातचीत के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने इस ईद को अफगानिस्तानी सेना के बलिदान और साहस के सम्मान में उन्हें समर्पित किया।
गनी ने कहा कि वार्ता के लिए दोहा में एक उच्च पदस्थ प्रतिनिधिमंडल भेजने का सरकार का फैसला एक अंतिम शर्त (अल्टीमेटम) है। उन्होंने कहा, ”तालिबान ने बहुत सी बातें स्पष्ट की हैं। अब्दुल्ला (दोहा में सरकार के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख) ने कुछ मिनट पहले मुझसे कहा था कि तालिबान शांति के लिए बिलकुल इच्छुक नहीं है।
हमने अल्टीमेटम देने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजा और यह दिखाने के लिए कि हम शांति कायम करना चाहते हैं और हम इसके लिए बलिदान के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी (तालिबान) शांति स्थापना की कोई इच्छा नहीं है और हमें इसके आधार पर निर्णय लेना चाहिए। गनी ने बताया कि सरकार ने 5,000 तालिबानी कैदियों को रिहा किया है, फिर भी समूह सार्थक बातचीत के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने इस ईद को अफगानिस्तानी सेना के बलिदान और साहस के सम्मान में उन्हें समर्पित किया।