विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक के दौरान मंत्रिगण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे जिसमें खास तौर पर मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए व्यावहारिक सहयोग पर चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ”भारत-ऑस्ट्रेलिया-जापान-अमेरिका के बीच तीसरी मंत्रिस्तरीय वार्ता 18 फरवरी को होगी जिसमें इन देशों के विदेश मंत्री भाग लेंगे.”
आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने कहा कि आस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय एजेंडेा में क्वाड एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है और इन चर्चाओं से चार देशों को क्षेत्र में अपने साझा हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने एक बयान में कहा, ”क्वाड का सकारात्मक एजेंडा हिन्द प्रशांत क्षेत्र के चार लोकतंत्रों के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा जो कोविड-19 के कारण आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों से क्षेत्र को उबरने में मदद करेगा.”
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की यह तीसरी बैठक है. अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहली बैठक है. इसका आयोजन ऑनलाइन किया जाना है.
चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति की पृष्ठभूमि में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति वैश्विक नेताओं के बीच चर्चा का महत्वपूर्ण मुद्दा है. चीन के बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि में अमेरिका इस चार देशों के गठबंधन को सुरक्षा-गठबंधन में बदलने के पक्ष में है.
बयान के अनुसार, यह बैठक अक्टूबर, 2020 में तोक्यो में हुई अंतिम बैठक से आगे उपयोगी विचारों को आपस में साझा करने का अवसर प्रदान करेगी.
उसमें कहा गया है, ”मंत्रिगण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर एक-दूसरे से विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, विशेष रूप से मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए व्यावहारिक सहयोग पर चर्चा करेंगे.”
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ”वे लोग कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए जारी प्रयासों, जलवायु परिवर्तन और परस्पर हितों के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे.”
वहीं, आस्ट्रेलिश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्वाड के सहयोगी क्षेत्र में आसियान को आगे बढ़ाने के समर्थक हैं जहां सभी देश सम्प्रभु, स्वतंत्र और लचीला रूख रखते हैं.