- रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मंगलवार को कहा कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2DG) दवा डॉक्टर की सलाह पर कोरोना मरीजों को दी जा सकती है. DRDO द्वारा विकसित की गई इस दवा के इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के निर्देशों के मुताबिक इस्तेमाल करने को कहा गया है. 17 मई को दिल्ली में इस दवा की पहली खेप जारी की गई थी.
डीआरडीओ ने एक बयान जारी कर बताया कि 2DG के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों के इलाज में मदद के लिए दी गई है. इसके मुताबिक, ‘आदर्श रूप से, डॉक्टरों द्वारा मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के लिए 2डीजी का इस्तेमाल जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. यह अधिकतम 10 दिनों के लिए करना चाहिए.’
डीआरडीओ ने कहा है कि अनियंत्रित डायबिटीज, गंभीर हृदय रोग की समस्या, सांस की समस्या (ARDS), गंभीर लीवर की परेशानी और किडनी के मरीजों पर 2 डीजी का अध्ययन नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें यह दवा देने में सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के मरीजों को 2डीजी नहीं दी जानी चाहिए.
डीआरडीओ ने यह भी बताया है कि दवा के सप्लाई के लिए वे अपने अस्पताल को हैदराबाद स्थिति डॉ रेड्डीज लैब (2DG@drreddys.com) से संपर्क करने को कहें. इस दवा को डीआरडीओ की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंस (INMAS) ने डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 मई को इस दवा की पहली खेप जारी की थी. डॉ रेड्डीज लैब ने इसके एक पैकेट की कीमत 990 रुपए तय की है.