पटना

इस सप्ताह सात में छह दिन व्रत-त्योहार


सुहागिनों के लिए यह सप्ताह विशेष

पटना (आससे)। इस सप्ताह के 7 में से 6 दिन सौभाग्य और समृद्धि देने वाले तीज-त्योहार रहेंगे। इस हफ्ते की शुरुआत सोम प्रदोष से हो रही है और अगले दिन मासिक शिवरात्रि यानी शिव चतुर्दशी रहेगी। इसके बाद बुधवार को लिंग व्रत किया जाएगा। इसका जिक्र नारद पुराण में किया गया है। फिर गुरुवार को वट सावित्री व्रत किया जाएगा। फिर शुक्रवार को द्वितीया पर चंद्रदर्शन व्रत रखा जाएगा। शनिवार को कोई तीज-त्योहार नहीं है। वहीं, हफ्ते के आखिरी दिन रंभा तीज का व्रत किया जाएगा।

आज सोमवार शिव पूजा के लिए विशेष माना जाताा है। इस दिन साल का दूसरा प्रदोष व्रत रहेगा। जो कि सोम प्रदोष का शुभ संयोग बना रहा है। इस तिथि पर शिव पूजा और व्रत करने से हर तरह के संकट दूर हो जाते हैं। 8 जून को कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा और व्रत करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं और हर तरह के दोष दूर होते हैं।

9 को चतुर्दशी तिथि रहेगी। इसलिए नारद पुराण के मुताबिक, इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा के साथ लिंग व्रत किया जाता है। इसमें भोलेनाथ की पूजा शाम को की जाती है। जिसमें आटे का शिवलिंग बनाकर पंचामृत और बिल्वपत्र से विशेष पूजा करते हैं। ऐसा करने से उम्र, एश्वर्य और हर तरह का सुख बढ़ता है।

वट सावित्री और शनि जयंती 10 जून को है। ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा के साथ सत्यवान और सवित्री की पूजा भी करती हैं। जिससे उनका सौभाग्य और पति की उम्र बढ़ती है। इसी दिन शनिदेव का जन्म माना गया है। इसलिए शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए इस अमावस्या पर शनिदेव की विशेष पूजा और उनको तेल चढ़ाने की परंपरा है।

11 जून को दूज व्रत यानी शुक्लपक्ष की द्वितिया तिथि पर सुबह जल्दी उठकर अच्छी सेहत और समृद्धि की कामना से व्रत का संकल्प लिया जाता है। फिर दिनभर बिना कुछ खाए और बिना पानी पिए दिनभर व्रत रखते हैं। शाम को चंद्र दर्शन और पूजा के बाद पानी पीकर व्रत पूरा होता है। इस व्रत में जल दान का बहुत महत्व है। साथ ही खीर, दूध और मावे से बनी मिठाई खासतौर से दान की जाती है। नारद पुराण के मुताबिक इस व्रत से मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं। घर में शांति, सुख और समृद्धि आती है।

13 जून को सुहागन महिलाएं सौभाग्य के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत में भगवान शिव-पार्वती के साथ लक्ष्मी जी की पूजा भी की जाती है। रंभा तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है। पति की उम्र बढ़ती है। संतान सुख मिलता है। इस दिन व्रत रखने और दान करने से मनोकामना पूरी होती है। रंभा तीज करने वाली महिलाएं नीरोगी रहती हैं। उनकी उम्र और सुंदरता दोनों बढ़ती हैं। जिस घर में ये व्रत किया जाता है। वहां समृद्धि और शांति रहती है।