भोपाल, । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनावी अभियान में शामिल होंगे। जातिगत समीकरणों में उलझी उत्तर प्रदेश की सियासत को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भाजपा को काफी उम्मीदें हैं। इस दौरान चौहान न केवल केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियां बताएंगे बल्कि मध्य प्रदेश में महिलाएं, बालिका, किसान, गरीब, युवा सहित विभिन्न वर्गों की कल्याणकारी योजनाएं विस्तार से रखेंगे। इसके साथ ही कानून-व्यवस्था के लिए कड़े फैसलों का भी जिक्र करेंगे। शिवराज सिंह चौहान ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का चेहरा है, जो उत्तर प्रदेश में जाति समीकरणों के बीच बड़ी राहत पहुंचा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों को संतुलित करना एक चुनौती साबित हो रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने गैर-यादव ओबीसी का एक नया वर्ग बनाया है, इसी तरी दलितों में से गैर-जाटव दलितों का एक नया वर्ग बनाया गया है। योगी सरकार ने इन नए तबकों को सत्ता से लेकर संगठन तक की भागीदारी दी, लेकिन अलग-अलग इलाकों की विधानसभा सीटों को संतुलित करना चुनौती साबित हो रही है. ऐसे में पार्टी अन्य राज्यों से बुलाकर शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य ओबीसी चेहरों को अभियान से जोड़ना चाहती है।