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Russia Ukraine War: रूस पर और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाते समय बरती जाए पूरी सावधानी


वाशिंगटन । रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, रूस पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बाद भी लोगों को ये कम ही लग रहे हैं। दरअसल, यूएस में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला कि लोगों चाहते हैं कि रूस पर और अधिक कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं। ऐसे में सवाल उठता है कि रूस पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक, राजनयिक और सैन्य प्रतिबंधों के बाद अब क्या बचा रह गया है?

कई प्रतिबंध और भी लगाए जा सकते हैं

इस सवाल का जवाब अमेरिकी अर्थशास्त्रियों और पूर्व अधिकारियों के पास है। दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा यूक्रेन को जल्द से जल्द सैन्य और वित्तीय मदद दी जानी चाहिए। वहीं कहा ये भी जा रहा है कि अमेरिका चाहे तो और भी ठोस प्रतिबंध रूस पर लगा सकता है। दरअसल, जानकारों के अनुसार यूएस और पश्चिमी देश मिलकर रूस से होने होने वाले तेल, गैस और कोयले के आयात पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। इस कदम के बाद रूस की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और भी खराब हो सकती है।

फैसला लेते समय जरूरी है सावधानी

वहीं विश्व वित्त नेताओं की एक बैठक के दौरान अमेरिका के ट्रेजरी सचिव जेनेरल येलेन ने कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के लिए तेल और गैस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। हालांकि उन्‍होंने ने यह भी कहा कि इस तरह का फैसला लेते समय हमें ये ध्यान रखना होगा कि कोई ऐसा फैसला न लिया जाए जिससे विश्वभर में गैस और तेल की कीमत बढ़ जाए।

रूस को गैस और तेल से कमाई

आपको बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही रूसी तेल और अन्य जीवाश्म ईंधन उत्पादों पर लगाम लगाया जा चुके हैं। लेकिन, अमेरिका की कोशिश है कि वैश्विक तौर पर रूसी तेल और गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाए। गौरतलब है कि तेल और गैस की बिक्री से जो कमाई होती है वह रूस के सरकारी राजस्व का कम से कम 40 प्रतिशत है।

अमेरिका ने चीन को भी चेतावनी दी है

साथ ही साथ अमेरिका ने चीन समेत कई देशों को भी चेतावनी दी है कि वो रूस से तेल और गैस आयात ना करे।

वहींं यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन ने कहा कि यूरोपीय देशों ने रूसी तेल और गैस के लिए अपने भुगतान को एस्क्रो (Escrow) खातों में बदलने पर विचार किया है।

क्‍या है एस्‍क्रो

दरअसल, एस्क्रो अकाउंट एक वित्तीय साधन है, जिसमें दो दलों की ओर से एक परिसंपत्ति व पैसे को तीसरे पक्ष के पास रखा जाता है जो लेनदेन की प्रक्रिया, उन दोनो पक्षो के लिए पूरा करता है। एक उदाहरण से समझे तो, माना कि ए कुछ बेचना चाहता है और बी उससे वो खरीदना चाहता है, लेकिन, दोनों को ही एक दूसरे पर भरोसा नहीं है। इसके बाद भी दोनों चाहते हैं कि ये सौदा हो। ऐसे में सभी नियमों और शर्तों को पूरा करने के बाद ही ए को भुगतान किया जाएगा। इसके लिए दोनों समझौते के पेपर पर हस्ताक्षर करेंगे, और इस समझौते को किसी तीसरे पक्ष की निगरानी में रखा जाएगा।

अमेरिका दे रहा है यूक्रेन को सैन्य मदद

आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा यूक्रेन को सैन्य मदद लगातार दी जा रही है। गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को भारी तोपखाने के लिए अतिरिक्त $ 1.3 बिलियन और 144,000 राउंड गोला- बारूद सहायता देने का वादा किया है। वहीं दूसरी तरफ रूस ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन के मारीपोल पर कब्जा कर लिया है। आपको यह भी बता दें कि मानव अधिकार संगठन सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों से रूस को निलंबित कर दिया है।