किसी को नहीं ठहराया जिम्मेदार
रूस ने विस्फोट के लिए अभी किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है लेकिन क्रीमिया की विधानसभा के स्पीकर ने विस्फोट के लिए यूक्रेन पर आरोप लगाया है। क्षतिग्रस्त हुआ यह ब्रिज यूरोप का सबसे बड़ा पुल है। 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद रूस ने इस ब्रिज का निर्माण शुरू किया और 2018 में इसे आवागमन के लिए खोल दिया गया था। इस ब्रिज के निर्माण पर 3.6 अरब डालर का खर्च हुआ था।
सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण ब्रिज
यह ब्रिज अजोव सागर के ऊपर बना है और इसका कुछ हिस्सा काला सागर के ऊपर भी है। इस पुल के जरिये रूस क्रीमिया में मौजूद अपनी सेना के लिए हथियार और अन्य आवश्यक सामग्री भेजता है। इस समय यूक्रेन के खेरसान इलाके में मौजूद रूसी सेना को भी इसी पुल के जरिये साजो-सामान भेजा जा रहा था।
पुल का एक हिस्सा टूटकर समुद्र में समाया
खेरसान वह इलाका है जिसे रूस ने हाल ही में खुद में शामिल कर लिया है। शनिवार को प्रात: हुए विस्फोट से पेट्रोल-डीजल लेकर जा रही ट्रेन के सात टैंकरों में आग लग गई। विस्फोट से पुल का एक हिस्सा टूटकर समुद्र में जा गिरा। विस्फोट इतना भीषण था कि उसकी आवाज कई मील दूर तक सुनी गई।
विस्फोट से रोड ब्रिज के दो सेक्शन ध्वस्त
रूस की राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी समिति ने बताया है कि विस्फोट से रोड ब्रिज के दो सेक्शन ध्वस्त हो गए हैं। लेकिन कर्च स्ट्रेट पर बने आर्क को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसके कारण समुद्री जहाजों के काला सागर और अजोव सागर जाने-आने का मार्ग सुरक्षित है। इसलिए क्षेत्र में समुद्री आवागमन बदस्तूर जारी है।
क्रीमिया में गहरा सकता है संकट
क्रीमिया के गवर्नर सर्गेई अकस्योनोव ने कहा है कि एक ओर का रोड ब्रिज भी सुरक्षित है, हालांकि उस पर फिलहाल यातायात रोक दिया गया है। विस्फोट के बाद लगी आग बुझा ली गई है और क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। रूस सरकार के बयान में कहा गया है कि क्रीमिया में 15 दिन के जरूरी तेल और गैस का भंडार है। इसलिए विशेष चिंता की बात नहीं है।
यह तो बस शुरुआत है…
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडल्याक ने ट्विटर पोस्ट में कहा है- यह घटना शुरुआत है। हर वो चीज-जो अवैध है, नष्ट की जाएगी। यूक्रेन से जो भी चोरी किया गया है-वह सब वापस लिया जाएगा। रूस ने जहां भी कब्जा किया है-वहां से उसे निकाला जाएगा।