श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को घाटी में करीब 150 से अधिक लोगों से मुलाकात की। अमित शाह ने यहां गुज्जर-बक्करवाल, पहाड़ी और सिख समुदाय के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों में शामिल लोगों से अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद के कश्मीर के जमीनी हालात पर चर्चा करते हुए उनसे फीडबैक लिया।
इस दौरान संबंधित समुदायों ने रोजगार और आर्थिक विकास से संबधित मुद्दों को भी गृह मंत्री के संज्ञान में लाया। दक्षिण कश्मीर से मिलने आए गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के प्रतिनिधिमंडल में शामिल अहमद बिन बुमला ने कहा कि गृह मंत्री ने पूछा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद यहां जिंदगी में क्या बदलाव आया है, माहौल कैसा है और आम लोग आगे क्या चाहते हैं। इसके अलावा बैठक में विकास से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई है।
पहाड़ी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने पर भी बात हुई है। एक अन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शहबाज पीर ने बताया कि दक्षिण कश्मीर और उत्तरी कश्मीर से संबंधित गुज्जर-बक्करवार और पहाड़ी समुदाय के तीन प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री से मिले हैं। बैठक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाए जाने पर बातचीत हुई है।
इसके अलावा जनजातीय वर्ग के युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई है। उन्होंने हमारे द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों के समाधान का यकीन दिलाया है।
अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर बातचीत
उत्तरी कश्मीर से आए गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के प्रतिनिधिमंडल में शामिल गुलाम मोहम्मद खटाना ने कहा कि हमने सिर्फ अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर बातचीत की है। हमने उन्हें बताया कि पहाड़ी समुदाय को जनजाति का दर्जा मिलने से गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के कई राजनीतिक व आर्थिक हित प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के किसी भी हित के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
पहाड़ी जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधिमंडल में शामिल मोहम्मद यूनिस शेख ने कहा कि हमने अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने पर केंद्रीय गृहमंत्री के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। हमने उन्हें यकीन दिलाया है कि पहाड़ी समुदाय हमेशा उनके साथ खड़ा रहेगा।
रोजगार पैकेज मांगा
सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल में शामिल इंजीनियर निर्मल सिंह ने बताया कि हमारे समुदाय के 60 लोगों ने गृह मंत्री से मुलाकात की है। हमने कश्मीर में रहने वाले सिख समुदाय के लिए एक विशेष रोजगार पैकेज की मांग की।
अल्पसंख्यक आयोग का गठन करने, जम्मू-कश्मीर में सिख समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय की सभी सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सैद्धांतिक रूप से हमारी मांगों पर सहमति जताई है, लेकिन यह जरूर कहा कि उन्हें इन्हें पूरा करने के लिए कुछ समय चाहिए।