नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र लगातार अपनी सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने और अपने नए रंग-रूप को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। करीब 352 वर्ष बाद वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम नया रूप दुनिया के सामने आया है। आज पीएम मोदी इसको जनता को समर्पित किया।
यूपी को आज मिलने वाली सौगात के गवाह देश के 150 से अधिक धर्माचार्य, संत-महंत व प्रबुद्धजन बने। इसके अलावा इसमें आम आदमी और दूसरे नेता भी जुड़े। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी आज इसमें शामिल हुए। इस पल का सभी को इंतजार था। ये करीब 5,27,730 वर्ग फीट में फैला है। जन आस्था के शीर्ष केंद्र के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पूरे देश को जोडऩे के लिए 51,000 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन तैयार की गई।
PM Modi Varanasi tour live update:
2:26 PM- आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।
2:23 PM- पीएम ने कहा कि यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं।
2:20 PM- पीएम ने कहा कि हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन, वो परिवार जिनके यहां घर थे वो सभी का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने इन सबके साथ यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी अभिनंदन किया जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
2:10 PM- पीएम ने कहा कि आज वो हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहते हैं जिनका पसीना इस इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया।
2:07 PM- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हज़ार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हज़ार श्रद्धालु आ सकते हैं यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम।
2:05 PM- पीएम ने कहा कि कोई कितना बड़ा हो, अपने घर को होगा, काशी में बाबा की इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता। इसमें बाबा के योगदान के अलावा गणों का योगदान लगा है। कोरोना के दिनों में भी यहां का काम नहीं रुका। काशी को लेकर एक गलत धारणा बनाई गई थी। कहा जाता था कि कैसे होगा। वो केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल उठाते थे, मजाक बनाते थे।