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केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा है कि वह आंदोलनरत किसान संगठनों से तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार है। बीते मंगलवार को लोकसभा में हुए एक तारांकित सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि आंदोलन का हल निकालने के लिए अब तक सरकार किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई है। किसान संगठन चर्चा के लिए कभी भी सहमत नहीं हुए, बल्कि वे सिर्फ कानूनों को निरस्त करने की मांग करते रहे।कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने लिखित जवाब में कहा, सरकार की ओर से विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। सरकार किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, ताकि इन समस्याओं का समाधान निकल सके। सरकार ने नौ दिसंबर 2020 को पत्र के माध्यम से भी किसान संगठनों को बिंदुवार समझाया कि उनकी चिंताओं का सरकार ध्यान रख रही है। सरकार ने कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव दिया। हालांकि, किसान संगठन कभी भी चर्चा करने के लिए सहमत नहीं हुए, सिवाय कानूनों को निरस्त करने के।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसान संगठनों से चर्चा के लिए हमेशा से तैयार है इस मुद्दे का हल करने के लिए आंदोलनकारी किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार रहेगी।
कृषि मंत्री ने नए कृषि कानूनों के फायदे भी गिनाए। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से एक इकोसिस्टम बनाना है, जिसमें कृषि उत्पादों की बिक्री का स्वतंत्र विकल्प मिल सके किसानों को उचित लाभ मिले। तीनों कृषि कानूनों से किसानों से सीधे खरीद होगी।