राज्य के 15 सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल कॉलेज एवम 12 डेडिकेटेड हॉस्पिटल 600 स्वास्थ्यकर्मियों (डाक्टरों और नर्सों ) को दी ट्रेनिंग
फुलवारी शरीफ। बिहार में कोरोना की तीसरी संभावित लहर से लड़ाई के लिए जंग की तैयारी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में पटना एम्स में एक बड़ा ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया गया है। ट्रेनिंग सेशन में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर डॉक्टरों, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट और स्टाफ नर्सों को महत्वपूर्ण देखभाल की जानकारी दी गई।
राज्य बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर की संभावित जटिलताओं से निपटने के लिए पूरे बिहार में जल्द ही बच्चों के डॉक्टरों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को ही ज्यादा प्रभावित कर सकती है। दूसरी लहर में कोविड -19 मामलों की संख्या में तेज बढ़ोतरी और आईसीयू प्रबंधन प्रशिक्षण की कमी ही इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बार का संक्रमण पहली लहर से कहीं ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है।
कोरोना की तीसरी वेव को देखते हुए राज्य के 15 सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल कॉलेज एवम 12 डेडिकेटेड हॉस्पिटल 600 स्वास्थ्यकर्मियों (डाक्टरों और नर्सों) की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए एम्स पटना में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव सह प्रधान सचिव ने सत्र का उद्घाटन किया। साथ में अपर सचिव डॉ कौशल किशोर एम्स निदेशक डॉ पीके सिंह मौजुद रहे।
निदेशक एम्स ने बताया कि इसमें करीब 600 डाक्टरों और नर्सों की दो दिवसीय प्रशिक्षण पटना एम्स के सिसिडब्ल्यूजी यू एस ए आई डी के द्वारा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा इस तरह के प्रशिक्षण हमेशा आयोजन करना चाहिए जिससे हमारी राज्य के चिकित्सा प्रणाली का और विकास कर किया जा सके। दो दिवसीय प्रशिक्षण में डॉ संजीव कुमार, ड़ा नीरज कुमार डॉ पल्लवी सिन्हा, डॉ बीके मिश्रा के नेतृत्व में एम्स पटना के विशेषज्ञों डॉक्टर बिंदे कुमार, डॉ अभ्युदय कुमार, डॉ अमरजीत कुमार, डॉ अजीत कुमार, ड़ा दिवेंदु भूषण के द्वारा 2 दिन का कोविड 19 के क्रिटिकल केयर प्रबंधन पर ट्रेनिंग दिया गया।
डॉ बिंदे ने बताया कि थर्डवेव के लिए हमें कैसे तैयार रहना है इसके लिए सभी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया गया ताकि माहमारी से ज्यादा से ज्यादा पीड़ित मरीजो की जान बचाई जा सके। डॉ संजीव कुमार, डॉ अशोक रस्तोगी, अमित पाटिल, अभ्युदय कुमार ने इसमे विशेष रूप से स्टाफ बर्न आउट सिंड्रोम, मृत शरीर प्रबंधन ने वेंटिलेटर के बारे में सभी प्रतिभागियों को सिखाया। इस कार्यक्रम का संचालन पटना एम्स के तरफ से डॉ नीरज कुमार क्लिनिकल कोऑर्डिनेटर ने किया।
वहीं यू एस ए आई डी आर आई एस ई के प्रतिनिधि डा ए कुमार ने बताया कि जुन में राज्य के सारे शिशु रोग चिकित्सक को ऐसी ही विशेष ट्रेनिंग देने की योजना है। जून के पहले हफ्ते में राज्य भर के बाल रोग विशेषज्ञों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया जाएगा, इसमें निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर भी शामिल होंगे। डॉक्टर कुमार के मुताबिक ‘इन डॉक्टरों को जून के पहले हफ्ते में ट्रेनिंग दी जाएगी। हमें उम्मीद है कि लगभग 1200 बाल रोग विशेषज्ञ हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।’ इन वर्चुअल प्रशिक्षण सत्रों के अलावा हर जिले के एक डॉक्टर और एक नर्स को भी आईसीयू प्रबंधन में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी।