पटना

बीपीएससी 67वीं की परीक्षा रद्द


पेपर हुआ लीक, साइबर सेल करेगी जांच, नयी तिथि की घोषणा शीघ्र

पटना (आससे)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने रविवार को आयोजित हुई बीपीएससी 67वीं संयुक्त प्रतियोगी प्री-परीक्षा 2022 को रद्द कर दिया है। आयोग ने यह फैसला पेपर लीक होने के बाद लिया है। जल्द ही आयोग परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर कर देगा। इस परीक्षा में बिहार के तमाम परीक्षा केंद्रों पर करीब 5 लाख छात्र शामिल हुए थे, जिन्हें अब दोबारा परीक्षा देनी होगी। एक आधिकारिक नोटिस में आयोग ने बताया कि 8 मई 2022 को होने वाली परीक्षा का पेपर ऑनलाइन वायरल हो गया। जब इसकी खबर मिली तो आयोग ने जांच शुरू कर दी। 3 सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया।

बिहार लोक सेवा आयोग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित पेपर वायरल होने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने मामले की जांच के लिए आयोग के पदाधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। इसका जांच प्रतिवेदन अध्यक्ष को सौंपे जाने के बाद परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया और वायरल पेपर के मामले की जांच साइबर सेल से कराने के लिए बिहार के डीजीपी से अनुरोध किया है।

विभिन्न विभागों में ग्रुप ए और बी कैडर की भर्ती के लिए बीपीएससी प्री-परीक्षा 8 मई को निर्धारित की गई थी। पंजीकृत उम्मीदवारों के लिए ई-प्रवेश पत्र 25 अप्रैल 2022 को जारी किए गए थे। परीक्षा रद्द होने के बाद संभावना है कि बीपीएससी नई परीक्षा तिथि घोषित होने पर नए प्रवेश पत्र जारी कर सकता है। पिछले कुछ दिनों में पेपर लीक की यह दूसरी घटना है। बीती 7 मई को पेपर लीक की सूचना के बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था।

प्रश्नपत्र कहां से लीक हुआ, किसने वायरल किया, इसकी जांच साइबर सेल से कराई जाएगी। प्रश्नपत्र वायरल होने की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद अध्यक्ष आरके महाजन ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया।

आयोग के संयुत सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र के वायरल होने की जांच साइबर सेल से कराने के लिए डीजीपी बिहार से अनुरोध किया गया है। दरअसल, बीपीएससी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा रविवार 12 बजे से शुरू होनी थी। इससे पहले ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल प्रश्नपत्र को दोपहर 11.49 बजे राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप ने मुख्यमंत्री सचिवालय को ईमेल कर दिया। परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों ने भी दावा किया कि वायरल प्रश्नपत्र के सवाल परीक्षा में पूछे गए प्रश्नपत्र से मिल गए हैं।

सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल होने के बाद बीपीएससी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई। टीम से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई। टीम ने रविवार को ही अपनी रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष को सौंप दी। कमेटी ने प्रश्नपत्र वायरल होने की बात को सही पाया। परीक्षा में पूछे गए सवाल से मिलने की बात कही। इसके बाद आयोग ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया।

बिहार में 1083 केंद्रों पर परीक्षा हुई। इसमें लगभग 75 प्रतिशत परीक्षार्थियों की उपस्थिति रही है। हालांकि परीक्षा में शामिल होने के लिए पांच लाख 18 हजार छात्रों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया था।