- कुछ महीनों पहले तक खुद को ‘कृष्ण’ और छोटे भाई तेजस्वी यादव को ‘अर्जुन’ बताने वाले तेजप्रताप यादव इन दिनों ‘बागी’ नजर आ रहे हैं। हालांकि राजद के नेता इस मामले में ज्यादा खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन दोनों भाईयों के व्यवहार से माना जा रहा है कि राजद में सत्ता संघर्ष प्रारंभ है। तेजप्रताप सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के बैनर तले पटना में मार्च निकाला।
तेजप्रताप गांधी मैदान से जेपी आवास तक नंगे पैर यात्रा में शामिल हुए
इस दौरान तेजप्रताप गांधी मैदान से जेपी आवास तक नंगे पैर यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने किसी से भी मतभेद से इंकार किया। इधर, जब तेजस्वी यादव से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने नपे-तौले शब्दों में कहा कि ऐसी यात्रा होनी चाहिए, सभी को बधाई। इधर, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी दिल्ली से वापस पटना लौटी हैं। माना जा रहा है कि वे दोनों भाईयों में चल रही तनातनी को समाप्त करने के लिए ही पटना पहुंची हैं। पटना आने के बाद वे रविवार को तेजप्रताप के आवास भी गई, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
दोनों भाइयों में तनातनी निकट भविष्य में समाप्त होने की उम्मीद नहीं है
इस बीच, तेजप्रताप यादव सोमवार की शाम अपनी मां राबड़ी देवी के आवास पर मिलने जरूर पहुंचे, लेकिन कहा जा रहा है कि 15 मिनट ही वापस लौट गए। इस दौरान बाहर निकलने के बाद तेजप्रताप किसी से भी बात नहीं की। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे हैं कि दोनों भाइयों में तनातनी निकट भविष्य में समाप्त होने की उम्मीद नहीं है।
दोनों भाइयों में मनमुटाव का प्रभाव पार्टी पर भी दिख रहा है
इधर, दोनों भाइयों में मनमुटाव का प्रभाव पार्टी पर भी दिख रहा है। पार्टी के नेता भी असमंजस में दिखते हैं। राजद के एक नेता भी नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि ”दोनों भाइयों में मनमुटाव का संदेश लोगों में नहीं जा रहा है। पिछले दिनों तेजप्रताप ने बिना किसी के नाम लिए लालू प्रसाद को दिल्ली में बंधक बनाने की बात तक कह दी थी।”