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अजीत पवार का मन क्यों डोल रहा है, ये पांच कारण एनसीपी में कराएंगे बगावत?


नई दिल्ली, । महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार क्या एनसीपी छोड़ बीजेपी में शामिल होंगे? महाराष्ट्र की राजनीति में ये सवाल पिछले कई दिनों से घूम रहा है। दरअसल, बीते कुछ मौकों में अजीत पवार बीजेपी से नजदीकी के संकेत दे चुके हैं। चाहे पीएम मोदी की जमकर तारीफ करना हो या डिग्री विवाद पर उनका बचाव करना। या फिर महाराष्ट्र का सीएम बनने की इच्छा जाहिर करना। ऐसी पांच वजह हैं, जिनसे पता चलता है कि अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार को झटका देकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

पीएम की तारीफ, EVM का समर्थन

अजीत हाल ही में कई बार पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। अजीत ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा साल 2019 में सत्ता में लौटी और उनके खिलाफ विभिन्न टिप्पणियों के बावजूद वह लोकप्रिय होते रहे। अजीत ने कल यानी शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा कि मोदी के सामने आज कोई नहीं है। मोदी के करिश्मे के कारण भाजपा का बीते वर्षों में उदय हुआ है।

बीजेपी से नजदीकी

अजीत पवार की बीजेपी से पहले भी नजदीकी रही है। अजीत 2019 में बीजेपी से हाथ मिलाकर एनसीपी को मुश्किल में डाल चुके हैं। 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस से मिलकर सरकार बनाने की पेशकश कर दी थी। देवेंद्र फडणवीस सीएम बने, जबकि अजीत पवार डिप्टी सीएम बने। हालांकि, अजीत पवार ने यू टर्न ले लिया था।

शिवसेना (यूबीटी) से मतभेद

अजीत पवार के उद्धव गुट के साथ मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं। खासतौर पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और उनके बीच जुबानी जंग जारी है। सामना में संजय राउत के लेख के बाद अजीत पवार को अपनी सफाई में बयान देना पड़ा कि वह मरते दम तक एनसीपी में ही काम करते रहेंगे। साथ ही, उन्होंने संजय राउत पर भी यह कहकर कटाक्ष किया था कि एनसीपी को बाहरी प्रवक्ताओं की जरूरत नहीं है। जवाब में राउत ने कहा कि मैं जो लिखता हूं, सही लिखता हूं। मुझे किसी के बाप का डर नहीं है। संजय राउत के इस बयान के बारे में जब अजीत पवार से पूछा गया तो उन्होंने बड़े उपेक्षापूर्ण तरीके से पूछा किया कि, कौन संजय राउत? अजीत पवार का यह अंदाज बताता है कि उन्हें राउत की टिप्पणियां रास नहीं आ रही हैं।

एनसीपी में वर्चस्व की लड़ाई

एनसीपी की कमान अभी शरद पवार के हाथों में है। शरद पवार के बाद पार्टी में नेतृत्व को लेकर घमासान मच सकता है। माना जाता है कि पार्टी नेतृत्व को लेकर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजीत पवार के बीच रस्साकशी है।

सीएम बनने की इच्छा

अजीत पवार के सीएम बनने की इच्छा कुलांचे मार रही हैं। बीती रात एक अखबार को दिए इंटरव्यू में वह महाराष्ट्र का सीएम बनने की इच्छा जता चुके हैं। अजीत ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी सीएम पद पर दावा पेश करने के लिए तैयार है। उन्होंने ये भी कहा कि मैं 100 प्रतिशत मुख्यमंत्री बनना चाहूंगा।