पटना

खगडिय़ा: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और बड़ा बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार


खगडिय़ा (आससे)। खगडिय़ा सिविल सर्जन कार्यालय से लेकर प्रखंड पीएचसी तक स्वास्थ्य माफियाओं और स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी और बाबुओं की मिली भगत से भ्रष्टाचार का चलता रहा नंगा खेल का सच आज तब सामने आया जब पटना से पहुंची निगरानी विभाग की टीम ने खगडिय़ा और गोगरी में जाल बिछाकर जहां सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान सहायक राजेन्द्र प्रसाद को ३० हजार और गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. एस सी सुमन को डेढ़ लाख रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी।

वेतन निकासी के नाम पर पीडि़ता स्वास्थ्यकर्मी रूबी कुमारी ने डेढ़ लाख रुपये अवैध रूप से मांगे जाने की शिकायत निगरानी विभाग से की थी। निगरानी विभाग की दो टीम इसमें लगी हुयी थी। निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से खगडिय़ा से लेकर गोगरी तक आज स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा रहा। सिविल सर्जन डा. अजय कुमार सिंह इस मामले में भले ही चुप्पी साधे हों लेकिन कार्यालय में दलालों और स्वास्थ्य माफियाओं की मिली भगत से मनचाहे स्थानों पर पोस्टिंग और वेतन निकासी की आड़ में रिश्वत का खेल एक लंबे अर्से से चलाया जा रहा था, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।

स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मी के रिश्वत लेने के इस खेल में पीडि़ता एएनएम ने तो हिम्मत दिखाते हुए भ्रष्ट बाबुओं को निगरानी टीम तक पहुंचा दिया लेकिन ऐसे खेल स्वास्थ्य विभाग में बदस्तूर जारी है। निगरानी टीम के डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह ने पत्रकारों को जानकारी दी कि एएनएम से बकाया वेतन निकासी के नाम पर चिकित्सा पदाधिकारी और सिविल सर्जन कार्यालय के बड़ा बाबू रुपये की मांग कर रहे थे। पीडि़ता के लिखित शिकायत पर चिकित्सा पदाधिकारी को डेढ़ लाख और बड़ा बाबू को ३० हजार रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।