(आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। पटना के नागरिकों ने इस गांधी जयंती के अवसर पर वीरान पड़े राजधानी के गांधी शिविर में प्रार्थना सभा की परंपरा शुरू करने का निर्णय लिया है। तय किया है कि वे अब से हर साल गांधी जयंती और उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर उस स्थल पर प्रार्थना सभा करेंगे। इसके साथ ही हर साल पांच मार्च को भी उस स्थल पर सभा करेंगे, जब गांधी जी पहली बार उस शिविर में आये थे।
राजधानी के एएन सिंहा इंस्टीट्यूट के परिसर में लंबे समय से उपेक्षित पड़े इस गांधी शिविर में लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों और इंस्टीट्यूट प्रबंधन को मनाकर प्रार्थना सभा करने की इजाजत ली है। इस प्रक्रिया में उन्हें दस दिनों तक लगातार प्रयास करना पड़ा। यह गांधी शिविर गांधी से जुड़े बिहार के सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। यहां गांधी ने सबसे लंबा प्रवास किया था। यह कैंप 81 दिनों तक रहा।
उस वक्त यह तत्कालीन बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सैयद महमूद का सरकारी आवास हुआ करता था, उन्हीं के बुलावे पर गांधी बिहार में सांप्रदायिक दंगों पर मरहम लगाने बिहार आये थे और वे उन्हीं के आवास के आउटहाउस में ठहरे थे। वहां से वे रोज वर्तमान गांधी मैदान में प्रार्थना सभा किया करते थे। सभा में अक्सर पचास हजार से लेकर एक लाख तक की आबादी जुटती थी। वे वहां लोगों से मिलजुलकर रहने और दंगाइयों को आत्मसमर्पण करने, दंगा पीडि़तों को निर्भय बनाने और उन्हें उनके गांवों में बसाने की अपील करते थे।
यह अभियान काफी सफल रहा। इस भवन की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए पटना के नागरिक समाज के लोगों ने यहां लगातार आयोजन करने का मन बनाया है, ताकि लोगों को इस जगह के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिले। इसी मकसद से इस बार गांधी जयंती पर शाम चार बजे से छह बजे के बीच इस जगह एक प्रार्थना सभा का आयोजन हो रहा है।
पटना स्थित फ्रेजर रोड के हेम प्लाजा में बुधवार की शाम नागरिक समाज की बैठक में लोगों ने एएन सिंहा इंस्टीट्यूट, राज्य सरकार और खास तौर पर राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण का आभार जताया, जिनके हस्तक्षेप से उन्हें और हर गांधी प्रेमी को इस जगह जाने और आयोजन करने की इजाजत मिली। लोगों ने कहा कि इस जगह पर जितनी अधिक संख्या में लोगों के कदम पड़ेंगे उतनी ही इसकी चर्चा होगी।
इसकी चर्चा न सिर्फ इस जगह को महत्वपूर्ण बनायेगी, बल्कि लोगों में सांप्रदायिक सदभाव की भावना को भी विकसित करेगी। बैठक में गांधी जयंती के दिन गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के नीचे उपवास कर रहे लोगों को समर्थन देने का भी निश्चय किया गया। बैठक में उपस्थित लोगों में डॉ. अखिलेश कुमार, गगन गौरव, इश्तेयाक अहमद, रजनीश झा, संजीत भारती, प्रशांत एवं पुष्यमित्र भी शामिल थे।