पंचायती राज मंत्रालय का कहना है कि कुछ राज्यों ने अपनी पहल पर कई अनूठे प्रयोग किए. सबसे प्रमुख पहल गुजरात की सामने आयी जहां पंचायती राज संस्थाओं ने अपने अपने गांवों में खुद ही लॉकडाउन लगा लिया. साथ ही साथ ऑक्सीमीटर, एंटीजेन टेस्ट किट और तापमान नापने वाली गन से घर-घऱ सर्वेक्षण भी शुरु कर दिया. यहां तक की गांव की योद्धा समिति ने सभी मरीजों के परिवारों का ख्याल रखना भी शुरु कर दिया. असम ने गांव में गांव रक्षा बनायी और साथ ही अपना एक डेटा बेस बना डाला जिसमें राज्य के बाहर या फिर अंदर से गांव लौटे प्रवासी मजदूरों के बारे में पूरी जानकारी है. हिमाचल प्रदेश में ई संजीवनी ओपीडी खोले गए जिसमें बीमार लोगों को मुफ्त में ऑनलाइन इलाज संभव हो रहा है.
केरल सरकार ने कुदुंबश्री सामुहिक नेटवर्क की मदद से गरीब महिलाओं की समाज विकास संस्थाओं को स्थानीय सरकार का हिस्सा बना दिया हॆ. साथ ही केरल सरकार का मरीजों को लाने और ले जाने का ट्रांसपोर्ट प्लान के तहत हर ग्राम पंचायत में एक एंबुलेंस उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही 2 चैंबरों वाली कार और ऑटो रिक्शा तक उपलब्ध कराए गए हैं ताकि मरीजों को नजदिकी जांच केन्द्र तक ले जाया जा सके. पंचायती राज मंत्रालय मानता है कि ये सभी पहल ऐसी हैं जिसका बाकी राज्य भी अनुकरण कर सकते हैं.
उधर पीएम के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का प्रशासन भी जानता है कि कोरोना अब ग्रामीण क्षेत्रों तक फैलने लगा है इसलिए गांवों और पंचायत प्रतिनिधियों को जागरुक करना जरुरी था. इसलिए जब मई 2 को पंचायत चुनावों के नतीजे आ रहे थे, तब बीजेपी विधायक और रिटायर्ड एईएएस अधिकारी एके शर्मा के नेतृत्व में 3 मई को वाराणसी के कंट्रोल और कमांड सेंटर ने जिले के तमाम पंचायत प्रतिनिधियों और कोरोना के मैनेजमेंट में लगे कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई. कई टीमों का गठन किया गया जिन्होंने गांव गांव का भ्रमण किया. वाराणसी जिले में ब्लॉक स्तर पर कंट्रोल रूम खोले गए. इनमें 70 हजार कोरोना मेडिकल किट भी लोगों में बांटे गए.बाकी राज्यों ने भी अपने अपने हिसाब से ये सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना ना फैले.
– आंध्र प्रदेश ने कोरोना मॉनीटरिंग समिति बनायी और ग्राम पंचायत स्तर पर मास्क के बिना अंदर घुसने पर रोक लगायी है.
– बिहार ने हर गांव रे हर परिवार में मास्क बांटने की शुरुआत की है. मास्क को स्थानीय स्तर पर खरीदा जा रहा है ताकि लोगों को रोजगार मिलता रहे.
– झारखंड ने पंचायत भवनों, सरकारी स्कूलों, और सामुदायिक भवनों को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया है. गांव के स्तर पर संदेश भेजने वाले ग्रुप तैयार किए हैं.
– मध्य प्रदेश ने हाई रिस्क संक्रमण वाले गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाने की शुरुआत की है. गांव, जिला और ब्लॉक स्तर पर कंट्रोल रुम तैयार किए गए है.
– महाराष्ट्र में मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारीके नाम से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है गांवों में और कोरोना रोकथाम समिति बनाकर घर घऱ जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है.
– पंजाब क गावों मे दूसरे राज्यों से लगों के आने पर बैन लगा है. गांवों में ठीकरी पहरा लगाया जा रहा है ताकि रात्री कर्फ्यू के आदेश का पालन हो.
– राजस्थान ने गांवों में मेडिकल किट्स बांटने का काम शुरु किया है. जिला परिषद का सीईओ इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.
– त्रिपुरा में ग्राम समितियां बनायी गयी है और कोविट को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है.
– उत्तर प्रदेश में सफाई बनाए रखने के लिए ग्राम निगरानी समिति बनायी गयी है. गांवों में कोविड से हुई मौत पर दाह संस्खार के लिए वित्तिय मदद दी जा रही है.
– बंगाल में प्यात के स्तर पर जागरुकता अभियान शुरु किया गया है. स्थआनीय बाजारों और हाट की सफआई का ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही पीडीएस के तहत गरीबों को अनाज मुहैया कराए जा रहे हैं.