- यूपी के उन्नाव जिले में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए शुरू किए गए ट्रेसिंग अभियान में लापरवाही सामने आई है. यहां ज्यादातर आशा बहुओं को मेडिकल किट तक नहीं दी गई है.
उन्नाव. यूपी में गांवों में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए ट्रेसिंग अभियान शुरू किया गया है. हालांकि ट्रेसिंग अभियान में बड़ी लापरवाही का पता चला है. दरअसल, ट्रेसिंगअभियान की कमान संभाल रही ज्यादातर आशा बहू को ना तो सेनेटाइजर मिला है और न ही ग्लव्स व मास्क दिए गए हैं. यही नहीं ट्रेसिंग अभियान में संदिग्ध मरीज के मिलने पर संक्रमण जांच के लिए हर एक तीन आशा बहू को 6-6 मेडिकल किट देने के शासन से निर्देश हैं, लेकिन उन्नाव में अधिकांश आशा बहू को मेडिकल किट उपलब्ध ही नहीं कराई गई है. इस घोर लापरवाही का खुलासा खुद आशा बहुओं ने किया है.
पांच मई को शुरू हुआ ट्रेसिंग अभियान
यूपी के अन्य जिलों की तरह उन्नाव में भी सीएम के निर्देश पर 5 मई से 9 मई तक 5 दिवसीय कोरोना ट्रेसिंग अभियान चल रहा है. ये अभियान सिर्फ कागजों पर ही सिमट रहा है. बेपरवाह स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम से ट्रेसिंग अभियान का मकसद बेमायने साबित हो रहा है. आशा बहू सर्वे तो कर रही है, लेकिन सर्दी, जुखाम, बुखार के लक्षण वाले मरीज को दवा की किट नहीं दे पा रही हैं. आशा बहू भी मरीज से जल्द जांच कराने की बात कहकर आगे बढ़ जाती हैं. वहीं आशा बहुओं का दावा है कि महज एक मास्क, एक जोड़ी ग्लव्स दिया गया है, सेनेटाइजर भी नहीं दिया गया. संक्रमित मरीज के लिए मेडिकल किट दिए जाने पर जवाब मिलता है कि किट जैसी कोई भी पैकेट नहीं दिया गया. वहीं जिम्मेदार अधिकारियो की बात करें तो कुछ किट देकर फोटो सेशन कराकर सब बेहतर होने का दावा जरूर कर रहे हैं.