वाराणसी, अधिक मात्रा में प्रतिबंधित ड्रग्स लेने के आरोप में गोवा पुलिस ने वाराणसी के डाक्टर अभिषेक विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया है। उनके साथ उनकी पारिवारिक महिला मित्र को भी पकड़ा है। ड्रग्स के ओवरडोज लेने की वजह से महिला गंभीर हालत में हास्टिपल में भर्ती है। पुलिस उन्हें ड्रग्स उपलब्ध कराने वाले ड्रग पैडलर की तलाश कर रही है। सप्लायरों के बारे में पूरी जानकारी जुटाने में लगी है।
गोवा पुलिस के अनुसार वाराणसी निवासी 40 वर्षीय हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक, पारिवारिक मित्र दिल्ली की फाइनेंसियल एडवाइजर 32 साल की सारा खान और अन्य दोस्तों के साथ मुम्बई से गोवा जाने की योजना बनाई थी। अन्य दोस्त तो इस दौरान नहीं आए लेकिन शनिवार को डा. अभिषेक और सारा गोवा गए चले गए। दोनों उत्तरी गोवा के पांच सितारा रिसार्ट में ठहरे थे। बाद में दोनों वागतोर में एक पार्टी के दौरान दोनों ने ड्रग्स लिया था।
महिला को कराया भर्ती
नाचने गाने के दौरान पार्टी में ही सारा खान गिर पड़ी और उल्टी करने लगी। इसके बाद दोनों ने होटल जाने की योजना बनाई। भोर में सोने गए और जब डा. अभिषेक की नींद खुली तो उसने देखा कि सारा खान बाथरूम के फर्श पर अचेत पड़ी है। डाक्टर होने के नाते अभिषेक ने प्रारंभिक इलाज किया लेकिन कोई लाभ नहीं होने पर होटल कर्मियों के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कंडोलीम ले गए।
पुलिस जांच में जुटी
प्रारंभिक इलाज के बाद महिला मित्र को लेकर पणजी के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक सूचना के अनुसार वह महिला मित्र वेंटिलेटर पर है। हालांकि, उसकी हालत में सुधार हो रहा है। जांच अधिकारियों के अनुसार दोनों को एक ड्रग पैडलर ने उन्हें ड्रग्स का टेबलेट दिया था। इसे दोनों ने एक साथ लिया। दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्तार करेगी ताकि ड्रग्स सप्लायरों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सके।
बोले डाक्टर के परिजन
डाक्टर के पिता पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मेडिकल उपकरण और दवा बनाने वाली कम्पनी ने गोवा में कॉन्फ्रेंस और दावत रखी थी। इसमें एम्स समेत कई अस्पतालों के डॉक्टर गए थे। हमारे अस्पताल से भी कई डॉक्टर इसमें गए थे। रात में पार्टी के दौरान एक लड़की बेहोश हो गई। कई डाक्टर उसे लेकर अस्पताल पहुंचे और भर्ती कराया गया। भर्ती के दौरान उनके बेटे ने पहला ट्रीटमेंट देकर ही अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के मेमो में अपना नाम और पता लिखवा दिया था। अस्पताल की ओर से भेजे गए मेडिको लीगल में उस लड़की के साथ डाक्टर अभिषेक का नाम लिख दिया गया। लड़की ने होश में आने पर सच्चाई बताई तो सबकुछ स्पष्ट हो गया। उसने बताया कि अभिषेक से उसका कोई लेना देना नहीं है। बेटे की गिरफ्तारी की बात मनगढ़ंत है। उसने अपने पेशे के दायित्व को निभाया।