उत्तर प्रदेश

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से तीन करोड़ किसानों की आमदनी में वृद्धि


अमेरिका की टायसन फूड, स्विट्जरलैंड की नेस्ले सहित दुग्ध, खाद्य और मीट प्रसंस्करण से जुड़ी विश्व की 10 नाम-गिरामी कंपनियों को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआइएस-23) के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के स्तर से हुई एक अहम बैठक में इस पर सहमति बन गई है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के सहारे योगी सरकार प्रदेश के तीन करोड़ किसानों की आमदनी में वृद्धि कर, उनका अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रसंस्कृत खाद्य, पेय, बोतल बंद पानी, स्नैक्स, बच्चों के लिए पोषक आहार, औषधीय आहार और मीट का उत्पादन करने वाली विश्व की बड़ी कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डालर (एक लाख करोड़ डालर) बनाने के लिए विभागवार निवेश का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। इसके तहत खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध एवं पशुपालन विभाग 25-25 हजार करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित करेंगे। बता दें कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खेत से बाजार तक पहुंचने के दौरान हर साल करीब 92,651 करोड़ के अनाज, दूध, फल, मांस और मछलियां बर्बाद हो जाती हैं इनमें से 40,811 करोड़ रुपये के सिर्फ फल और सब्जियां होती हैं। इन सभी चीजों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रसंस्करण की इकाइयों के लगने से इसका सीधा लाभ यहां के किसानों को मिलेगा। साथ ही इन इकाइयों के लिए कच्चे और तैयार माल के उत्पादन, ग्रेडिंग, पैकिंग, लोडिंग-अनलोडिंग और इनको बाजार तक पहुंचाने के क्रम में स्थानीय स्तर पर लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा। नेस्ले : स्विट्जरलैंड, फांटेरा : न्यूजीलैंड, मोंडेलेज : यूएई, सपूटो : कनाडा, इनबेव : बेल्जियम, टायसन फूड यूएस : अमेरिका, आरला फूड्स : डेनमार्क, फ्राइसलैंड कैंपिना : नीदरलैंड, डेनान : फ्रांस व डियाजियो : ब्रिटेन।