चहनियां। जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद कायाकल्प के कार्य विद्यालयों में पूर्ण नहीं हो पा रहे है। हृदयपुर कम्पोजिट विद्यालय में बच्चे टाट पर बैठने को मजबूर है जिससे ठंड के समय बच्चों को बैठने में असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा। वहीं विद्यालय में चहारदीवारी टूटने से एक तरफ तालाब में गिरने का भय बना रहता है तो दूसरी तरफ जानवरों व अराजकतत्वों से भी खतरा बना रहता है। कंपोजिट विद्यालय हृदयपुर में कुल 361 छात्र नामांकित है। जो आज भी बच्चे टाट पर बैठने को मजबूर है। आने वाले ठण्ड के दिनों में बच्चो को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी तरफ स्कूल की चहारदीवारी उत्तर तरफ से टूट गई है तथा चारदीवारी से सटा बगल में एक पोखरा है । जिसमें लगातार दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। बाहरी छुट्टा पशु तथा कुत्ते लगातार विद्यालय में घूमते हैं जिससे कभी कोई बड़ी घटना घटने की संभावना बनी रहती है। खंड शिक्षा अधिकारी तथा खंड विकास अधिकारी को कई बार समस्याओं से अवगत कराया गया परंतु आज तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका । कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालय परिसर को ईट से व्यवस्थित करना, अधूरे टाइलीकरण को पूर्ण करना, बिजली एवं ट्रांसफार्मर के पोल की व्यवस्था, इंटरलॉकिंग का कार्य, मुख्य गेट को ऊंचा कराना। इन सभी कायाकल्प के अधूरे कार्यों को पूरा कराना है जिससे विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था सुचारू रूप से तथा भय मुक्त भयमुक्त वातावरण में होती रहे।