यूनाइटेडनेशन और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के बीच हुआ समझौता
(आज समाचार सेवा)
पटना। बिहार में जल जीवन हरियाली, कृषि रोड, ऊर्जा और स्वच्छ इंधन का काम बिहार में बढ़ेगा। यह संभावना उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने जतायी है। वे आज यूनाइटेड नेशन इंवारमेंट और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के बीच समझौता ज्ञापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्षद ने जलवायु परिवर्तन अनुकूल ओर निम्र कार्यन उत्र्सन विकास की रणनीति बनाने के लिए यूएनपीए के साथ सहयोग का निर्णय लेते हुए यह समझौता किया है।
इस मौके पर पर्यावरणमत्री नीरज कुमार ने कहा कि कोविड-१९ के समय लोगों ने देखा कि मानवीय क्रियाओं से कितना कुप्रभावित होता है पर्यावरण। कम मानवीय क्रियाओं के कारण जल व वायु की गुणवत्ता में आशातीत सुधार के साथ ही लुपत प्राय: पशु-पक्षी भी दृष्टिगोचर होने लगे थे। यह समझौता राज्य और देश के लिए वक्त की मांग है। तजलवायु व वन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
यूएनईपी, न्यूयार्क के सहायक महासचिव सत्या त्रिपाठी ने कहा कि इस समझौते से जलवायु परिवर्तन में सफलता मिलेगी। यूएनईपी बिहार को अपनी ग्रीन हाउस गेस इंवेंटरी तैयार करने और जलवायु प्रभाव की स्थिति व उससे होनेवाले नुकसान की आशंका आकलन करेगा और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि बिहार तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला स्टेट है।
इस मौके पर संयुक्त राष्ट्र की स्थानित समन्वयक रिनाटा डिसेलीन, प्रदूष बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष और पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह भी उपस्थित थे।