देसी पिस्तौल व कारतूस के साथ घोसी से हुई थी गिरफ्तारी
जहानाबाद। स्थानीय सिविल कोर्ट स्थित फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय के सत्र न्यायाधीश विनय कुमार सिन्हा ने एक मामले में सुनवाई पुरा करने के उपरांत अपना फ़ैसला सुनाया। सत्र न्यायाधीश ने दो अभियुक्तों चन्देश्वर रजक उर्फ शिवशंकर रजक उर्फ शिवजी धोबी उर्फ त्यागी जी उर्फ बाबा एवं सुरेन्द्र मांझी उर्फ आजाद जी को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 399 के तहत पाँच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपये अर्थदण्ड, धारा 402 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाया।
इसके अतिरिक्त न्यायाधीश ने दोनों अभियुक्तों को अनलॉफ़ुल एक्टिविटी एक्ट की धारा 16बी के तहत दस वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदण्ड, धारा 18 के तहत दस वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदण्ड, धारा 20 के तहत आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदण्ड तथा धारा 21 के तहत भी आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाया।
अर्थदण्ड की राशि नहीं जमा करने पर दोनों अभियुक्तों को छह माह अतिरिक्त कारावास में रहना होगा। उपरोक्त जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि 21 जुन 2015 को काण्ड का सूचक पुअनि घोषी इन्द्रजीत पासवान ने प्राथमिकी दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार के निर्देश पर घोषी थाना क्षेत्र में ग्राम अतियावां में कमला सिंह के घर का घेराबंदी कर छापेमारी की गयी तो वहाँ पूर्व से मौजूद कुख्यात नक्सली प्रदुम्न शर्मा एवं उसके पांच छः साथी चकमा देकर भाग गये। परन्तु घर का जमा तलाशी लेने पर कमला सिंह के घर में छुपे हुए प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सदस्य चंदेश्वर रजक उर्फ शिवशंकर रजक उर्फ बाबा एवं सुरेन्द्र मांझी को देशी पिस्तौल एवं कई कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया।
ये सभी लोग डकैती एवं इंट भट्ठा मालिकों से जबरन वसूली की योजना बना रहे थे और ये सभी प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी के सक्रिय सदस्य थे, जिन्हें दोषी पाकर न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।