पटना

जाले: कोरोना की मार से मध्यम वर्गीय हुए बेदम, स्थिति गम्भीर


जाले (दरभंगा)(आससे)। कोरोना की मार से बढ़ी महंगाई के कारण मध्यम वर्गीय लोगों बेदम हो गए है। इसके कारण आमजन जहां त्रस्त है, वही कई बड़े व्यवसाई और अधिक अमीर हो रहे है। चारो तरफ महंगाई की मार से हाहाकार मचा हुआ है। इसका सबसे अधिक असर मध्यम वर्गीय लोगो व प्रवासियों के परिवार में देखने को मिल रहा है। महंगाई बढ़ी तो मजदूरों का दैनिक मजदूरी भी बढ़ गया, अमीरों व बड़े व्यपारियो के आय में बढ़ोतरी हो गई।

लेकिन मध्यम वर्गीय व प्रवासियों के परिवार की आय में बढ़ोतरी नही होकर,उल्टे उसका आमदनी बंद होने के साथ रोजगार भी छीन गया। उनका परिवारिक बजट भी बिगड़ गया। अधिकांश मध्यम वर्गीय व प्रवासी बेरोजगार होकर अपने घर पर समय बिताने को मजबूर हो गए एवम आर्थिक तंगी हालात के कारण उनका खान पान भी बदल गया।

इस संदर्भ में प्रखण्ड के अहियारी निवासी नागेंद्र पासवान, संजय कुमार ठाकुर, कन्हैया कुमार, विजय कुमार ठाकुर, अमरनाथ ठाकुर, मो. नसीरूद्दीन, देवड़ा बंधौली निवासी मो. रेयाज, मुरैठा निवासी इंद्रमोहन मिश्र उर्फ बतहु बाबु, राघवेन्द्र सिंह, कल्याण मिश्र, कछुआ पंचायत निवासी मिश्रीलाल चौधरी, भोला मिश्र, ब्रह्मपुर निवासी किसान सह छोटे उद्यमी इंद्रजीत भारद्वाज, राजीव कुमार ठाकुर व क्षेत्र के जाने माने समाजसेवी सहजाद तमन्ने आदि ने बताया कि संक्रमण के दौरान खाशकर खाद्य पदार्थ दलहन, तेलहन का प्रयाप्त भंडार रहने के बावजूद कालाबाजारी के कारण मंहगाई में बेतहाशा वृद्धि हुई है एवम इसका सबसे अधिक असर मध्यम वर्गीय परिवारों पर हुआ है।

जो परिवार दूसरे राज्यों व अपने घर के इर्दगिर्द रहकर नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। उन्हें बेरोजगार व कृतिम आभाव बताकर बीते एक वर्ष में महंगाई बढ़ने से भरण पोषण में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य पदार्थ जैसे तेल, दाल, मसाला व अन्य सामग्रियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि होने से मानो उनकी कमर ही टूट गई, जो एक चिंता का विषय है। हरी सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए कि इसे खरीदना बिल्कुल मुश्किल हो गया एवम थाली से गायब हो गया। उन लोगों ने बताया कि इस गम्भीर संकट की ओर सरकार का कोई ध्यान नही है।