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- हंगामा बढ़ते देख संपूर्ण विपक्ष ने किया वाकआउट
- मंत्रियों को नेता प्रतिपक्ष कर रहे हैं अपमानित नहीं करेंगे बरदास्त
- समस्तीपुर में जूट एवं फूड तो रैयाम तिरहुत टी इंडस्ट्रीज को
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(आज समाचार सेवा)
पटना। चीनी मिलों की जमीनों को बेचे जाने को लेकर सरकार के जवाब के क्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का जुबान फिसल गया न कि भाजपा के सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा मचाया। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने स्पीकर पर ही आरोप लगा दिया कि एक व्यक्ति को संरक्षण दिया जा रहा है। यह गलत परंपरा है। ऐसे में कैसे सदन चलेगा। पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सदन में सभी सदस्यों का मान बराबर है।
किसी को अपमान करने का अधिकार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष बार-बार खड़ा होकर मंत्रियों को अपमानित करते रहते हैं। माफी मांगें। हमारे मंत्री जलील होने के लिए नहीं हैं। आसन का नियम सर्वोपरी होता है। उन्हें अतिरिक्त १० मिनट बोलने के लिए दिया गया बावजूद मंत्रियों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं, इसे हम बरदास्त नहीं करेंगे। भाजपा सदस्यों के कड़े तेवर के बीच नेता प्रतिपक्ष यह कहते हुए वाकआउट किये , यहां कोई बोलने ही नहीं देता। सवालों का सही जवाब नहीं मिलता। इसके बाद संपूर्ण विपक्ष सदन से वाकआडट किया।
दरअसल गन्ना उद्योग मंत्री चीनी मिलों की विक्री से संबंधित नेता प्रतिपक्ष द्वारा पूछ गये सावल का जवाब दे रहे थे। मंत्री के उनके पूरक प्रश्नों के जवाब से वे संतुष्ट नहीं हो रहे थे। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष ने यह कह दिया कि न जाने कैसे-कैसे को मंत्री बना दिया गया। इता कहते ही उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह गलत परंपरा है। एक व्यक्ति को संरक्षण दिया जा रहा है। हमारे मंत्रियों का लगातार अपमान किया जा रहा है। इसे हम बरदास्त नहीं करेंगे।
इसी के साथ भाजपा के कई सदस्य अपनी सीटों से उठकर हंगामा करने लगे। पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने भी नेता प्रतिपक्ष के कथन का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इसे हम बरदास्त नहीं करेंगे। वे माफी मांगें। उनकी मर्जी से सदन चले ऐसा नहीं होगा। नाराज सदस्यों को शांत करते हुए स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सभी सदस्यों को सीखना चाहिए, समझना चाहिए। नियम और नियमावली से सदन चलेगा। नेता प्रतिपक्ष नियकमावली का पालन करें।
गन्ना उद्योग मंत्री ने नता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद के सवाल के जवाब में कहा था कि समस्तीपुर चीनी मिल को कोलकाता की कंपनी ने २८.७७ करोड़ में खरीदा है। पांच मार्च को जमीन हस्तानांतरित कर दी गयी है। जबकि रैयाम चीनी मिल को तिरहुत टी इंडस्ट्रीज को हस्तानांतरित किया गया है। एकरारनामा के अनुरूप चीन मिल स्थापित नहीं होने पर प्रबंधन को नियमत: तीन लीगल नोटिस जारी किया गया है। नेता स्वयं न्यायिक प्रक्रिया से अवगत हैं। स्पीकर ने कहा कि पूरे माले की जांच करायें। जो अधिकारी बरगलाये और गलत तत्थ्य देते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करें।