पटना

मुजफ्फरपुर: टास्क फ़ोर्स की बैठक में डीडीसी ने डेंगू और चिकनगुनिया पर जागरूकता अभियान चलाने का दिया निर्देश 


मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को घर के आसपास सफायी और जलजमाव से बचने की नसीहत 

मुजफ्फरपुर। डेंगू और चिकनगुनिया रोग पर नियंत्रण के मद्देनजर बुधवार को उप विकास आयुक्त डा०सुनील कुमार झा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। बैठक में उप विकास आयुक्त ने उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में लोगों के रहने वाले स्थलों पर अतिरिक्त पानी के स्थिरता की समस्या होने लगती है।

इस मौसम में मुख्य रूप से मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है। मच्छरों से होने वाले रोग से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।  बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ डीपीओ आईसीडीएस को निर्देशित किया कि लोगों को जागरूक करने के बाबत सघन प्रचार- प्रसार अभियान चलाना सुनिश्चित करें।

बैठक में नगर निगम को निर्देशित किया गया कि जलजमाव वाले क्षेत्र को चिन्हित करते हुए उनका तत्काल निस्तारण किया जाए और सभी वार्डो में नियमित नालियों की सफाई और कूड़ा निस्तारण किया जाए। साथ ही विभिन्न विभाग समन्वय स्थापित करते हुए डोर टू डोर संपर्क कर लोगों को इस संबंध में जागरूक करें।

डीपीओ आईसीडीएस को निर्देशित किया गया कि सेविका -सहायिका के माध्यम से टोलो एवं वार्डो में विशेषकर महादलित टोलों में लोगों को जागरूक करना सुनिश्चित करें। वहीं जिला जनसंपर्क अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि होर्डिंग/फ्लेक्स, नुक्कड़ नाटक तथा अन्य माध्यमों से डेंगू और चिकनगुनिया पर नियंत्रण के मद्देनजर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाएं।

बैठक में उपस्थित जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ० सतीश कुमार ने बताया कि एडिस मच्छर के काटने से डेंगू की बीमारी होती है जो लोगों को सामान्यतः दिन में काटता है। उन्होंने डेंगू और चिकनगुनिया रोग से संबंधित लक्षणों की विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि बरसात के समय में लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है साथ ही जागरूक रहने की आवश्यकता है। कहा कि इसके लक्षण दिखाई देने पर इस बीमारी के उपचार हेतु  पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। उन्होंने विशेष तौर पर नगर निगम से अनुरोध किया कि जहां जहां पर कबाड़ की दुकानें हैं वहां टायर और ट्यूब में पानी जमा हो जाता है। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध उनके द्वारा किया गया।

वही सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर ने उपस्थित सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि आशा के माध्यम से डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर लोगों को जागरूक किया जाए ताकि इस पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि 2017 में डेंगू के 38, 2018 में 46, 2019 में 202,   2020 में 58 केस और 2021 में 27 जुलाई तक एक केस आया है। बताया गया कि सभी मरीज रिकवर हो गए। किसी की मृत्यु नहीं हुई।

बैठक में सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर डॉ विनय कुमार शर्मा ,एसीएमओ, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, आईसीडीएस डीपीओ चांदनी सिंह,डीपीआरओ कमल सिंह,डीपीएम भगवान प्रसाद वर्मा, केयर के जिला प्रभारी सौरभ तिवारी, सुधीर कुमार, सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे।