- नई दिल्ली, : कोरोना की दूसरी के बाद अचनाक देश भर के साथ राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट आ गया था। ऐसे में ऑक्सीजन के लिए मारामारी के बीच लोग ब्लैक मार्केटिंग करने लगे। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक इमरान हुसैन पर भी दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर ऑक्सीजन जमाखोरी का आरोप लगाया गया था, जिसको दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एमिकस क्यूरी के हवाले से रिकॉर्ड किया कि उसने दस्तावेजों की जांच की है और ऐसा प्रतीत होता है कि हुसैन ने किराए पर 10 सिलेंडर लिए थे और उन्हें रिफिल कर दिया था, जिस पर चालान उठाए गए थे।इससे पहले ऑक्सीजन सिलेंडर जमाखोरी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन से सवाल पूछे थे।
कोर्ट ने हुसैन के वकील से पूछा कि वो ऑक्सीजन के सिलेंडर कहां से लेकर आए थे। अदालत ने दिल्ली सरकार से भी पूछा कि क्या इमरान हुसैन को ‘रिफिलर’ के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की गई थी। इस दौरान कोर्ट ने हुसैन से संबंधित दस्तावेज भी जमा कराने के लिए कहा था। वहीं विधायक इमरान हुसैन ने हाई कोर्ट में यह भी दावा किया था कि 10 ऑक्सीजन सिलेंडर दिल्ली से किराए पर लिए और फरीदाबाद से भराकर लोगों के बीच ऑक्सीजन बांटी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि कोई अपने संसाधनों से चीजें जुटाकर जनता के बीच बांट रहा है तो इसे जमाखोरी नहीं कहा जा सकता।