पटना

देवीलाल के जयंती समारोह में भाग नहीं लेंगे नीतीश


ललन सिंह ने बाढ़ और कोरोना की तीसरी लहर की संभावना बतायी वजह

पटना (आससे)। एनडीए की सियासत के लिहाज से बड़ी खबर ये है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी 25 सितंबर को जींत में आयोजित पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल की जयंती समारोह में शामिल नहीं होंगे। इस बात की जानकारी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दी है। उन्होंने कहा कि 25 सितम्बर को देवी लाल की जयंती में सीएम नीतीश को शामिल होने का निमंत्रण मिला है। देवी लाल से नीतीश जी का बेहद आत्मीय सम्बंध रहा है, लेकिन इस बार नीतीश कुमार क़ोरोना की तैयारी  के साथ ही बाढ़ की वजह से शामिल नही हो पायेंगे।

ललन सिह ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका और प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की वजह से नीतीश कुमार बिहार से बाहर नहीं जा पाएंगे। उन्होंने कहा कि देवी लाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला को इस बात की जानकारी दे दी गई है। जदयू के तरफ़ से केसी त्यागी शामिल होंगे। बता दें कि जींद में 25 सितम्बर को है देवी लाल की जयंती मनायी जा रही है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाली कई पार्टियों के नेता शामिल होने वाले हैं। बिहार की सियासत में नीतीश कुमार के जाने को लेकर भी कयास लगाए जा रहे थे।

दरअसल देश की राजनीति में एक बार फिर तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर चर्चा होने लगी है। किसान आंदोलन और जाति आधारित जनगणना सहित अन्य मसलों को लेकर गैर कांग्रेसी विपक्षी दल एक मंच पर आने की कोशिश में जुटे हैं। इसी क्रम में देवी लाल की जयंती को इस तीसरे मोर्चे के उभरते स्वरूप के रूप में देखा जा रहा था। 25 सितंबर को हरियाणा के जिंद में होने वाले इस बड़े आयोजन में केंद्र की पीएम मोदी सरकार की धुर विरोधी ममता बनर्जी, शरद पवार, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जैसे चेहरे साथ नजर आने वाले हैं।

खास बात यह है कि एनडीए का हिस्सा रहे भाजपा के सबसे बड़ी सहयोगी जदयू के नेता और बिहार में एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बुलावा मिला था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला इसकी अगुवाई कर रहे हैं। बता दें कि नीतीश कुमार हाल में ही चौटाला से मिलने पहुंचे थे और दोनों नेताओं ने अपनी नजदीकी का जिक्र किया था। जाहिर है तीसरे मोर्चे की संभावना के मद्देनजर सीएम नीतीश का इस मोदी विरोधी मंच में नहीं जाना एनडीए की सियासत के लिहाज से शुभ संकेत माना जा सकता है। क्योंकि सियासत के जानकार बताते हैं कि सीएम नीतीश के जाने भर से माहौल बदल जाता।