नई दिल्ली, । दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत में एप्पल के आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी इकाई बेंगलुरु के पास होसुर में लगाई जा रही है। इसमें करीब 60,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। एक कार्यक्रम में बोलते हुए वैष्णव ने कहा कि रांची और हजारीबाग के आसपास रहने वाली छह हजार आदिवासी महिलाओं को आईफोन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि Apple का iPhone अब भारत में बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में इसका सबसे बड़ा संयंत्र बेंगलुरु के पास होसुर में स्थापित किया जा रहा है। उसमें 60,000 लोग एक साथ काम कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘इन 60,000 कर्मचारियों में से पहले 6,000 कर्मचारी रांची और हजारीबाग के आसपास के स्थानों की हमारी आदिवासी बहनें हैं। आदिवासी बहनों को एप्पल आईफोन बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।’’
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के पास है टेंडर
एप्पल ने आईफोन कारखाना स्थापित करने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को ठेका दिया है, जिसका होसुर में एक संयंत्र है। कंपनी भारत में दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन से आईफोन बनवाती है। भारत से Apple के iPhone का निर्यात अप्रैल के बाद से पांच महीनों में 1 बिलियन डॉलर को पार कर गया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स चीजों के निर्माण में एक ताकत के रूप में उभर रहा है।
2023 तक दोगुना हो जाएगा भारत से आईफोन का निर्यात
मौजूदा आंकड़ों के आधार पर यूरोप और मध्य पूर्व के देशों में भारत में बने हुए iPhones की आउटबाउंड शिपमेंट मार्च 2023 तक 2.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह मार्च 2022 तक भारत द्वारा निर्यात किए गए 1.3 बिलियन डॉलर मूल्य के iPhones का लगभग दोगुना है। आपको बता दें कि Apple अपने अधिकांश iPhones चीन में बनवाता है, लेकिन हाल के दिनों में उसकी नीतियों में बदलाव आया है। उसके बाद कंपनी नए विकल्प की तलाश कर रही है। चीन और अमेरिका की खींचतान के बाद से ऐपल ने भारत को तरजीह दी है।