♦ लोगों को त्वरित आवागमन में सुविधा होगी ♦ पुराने पथों को भी मेंटेन रखें ♦ मुख्यमंत्री के समक्ष पथ निर्माण विभाग की प्रस्तुति
(आज समाचार सेवा)
पटना। सड़क आधारभूत ढांचे के अग्रेतर सुदृढ़ीकरण के लिए तैयार की गयी परियोजना को बेहतर बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नये पथों के निर्माण से लोगों को त्वरित गति से आवागमन में और सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में पथ निर्माण विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन कर रहे थे। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय राष्टï्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा चार परियोजनाओं का मार्ग रेखन तैयार कर राज्य सरकार की सहमति के लिए प्राप्त हुआ है।
इनमें प्रथम- मोकामा-मुंगेर फोरलेन पथ के अंतर्गत मोकामा से मनोहरपुर होते हुए लखीसराय के दक्षिण से मुंगेर तक ग्रीन फील्ड नये फोरलेन पथ के एलाइनमेंट की स्वीकृति प्रदान की गयी। इसमें सरमेरा से मनोहरपुर तक २० किमी. लंबा पथ भी शामिल रहेगा। इस पथ की कुल लंबाई ९२ किमी होगी। इसके बन जाने से राज्य में बक्सर से पटना होते हुए मोकामा-मुंगेर के माध्यम से भागलपुर-मिर्जा चौकी तक फोरलेन पथ की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
द्वितीय-बरौनी-मुजफ्फरपुर फोरलेन पथ के अंतर्गत बरौनी-बछवाड़ा-दलसिंहसराय-मुसरी धरारी के रास्ते मुजफ्फरपुर तक वर्तमान पथ के फोर लेन चौड़ीकरण हेतु सहमति प्रदान की गयी। मुजफ्फरपुर शहर में यातायात की सुगमता के उद्देश्य से मुजफ्फरपुर शहर के रिंग रोड के एलाइनमेंट की सहमति प्रदान की गयी। मुजफ्फरपुर-बरौनी पथ को मुजफ्फरपुर-हाजीपुर पथ से ५ किमी. लंबे बाईपास पथ से जोड़ा जायेगा। इसी प्रकार मुजफ्फरपुर-बरौनी पथ को मुजफ्फरपुर-दरभंगा ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर से ११ किमी लंबे बाईपास पथ से जोड़ा जायेगा।
साथ ही मुजफ्फरपुर-बाईपास को ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर में १.६ किमी. लंबे पथ से जोड़ा जायेगा। मुजफ्फरपुर शहर में प्रवेश करनेवाले सभी राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में मुजफ्फरपुर रिंग रोड के माध्यम से जुड़ पायेगा। मुजफ्फरपुर रिंग रोड की कुल लंबाई लगभग ४० किमी. होगी। इसके बन जाने से मुजफ्फरपुर शहर में जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जायेगी एवं शहर का सभी दिशाओं में व्यापक फैलाव हो सकेगा।
तृतीय- बक्सर-हैदरिया फोर लेन पथ का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से बक्सर की सम्पर्कता सुनिश्चित करने के लिए १७ किमी. पथांश के फोर लेन चौड़ीकरण हेतु मार्ग रेखन प्रस्ताव को देखा गया एवं इस पर सहमति व्यक्त की गयी। इसके बन जाने से बिहार राज्य की राजधानी पटना की दिल्ली तक ४/६ लेन के माध्यम से अतिरिक्त सुलभ सम्पर्कता सुनिश्चित हो सकेगी।
चतुर्थ- बक्सर-वाराणसी ग्रीन फील्ड फोर लेन पथ के अंतर्गत पटना से बक्सर के रास्ते वाराणसी तक सुगम आवागमन के प्रयोजन से बक्सर-चौसा-वाराणसी नये फोर लेन पथ के एलाइनमेंट पर सहमति प्रदान की गयी। इस एलाइनमेंट का २९ किमी. हिस्सा बिहार राज्य में पड़ता है और ६२ किमी. हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। इसके बन जाने से पटना से वाराणसी तक की दूरी मात्र २२५ किमी. रह जायेगी, जो पटना-मोहनियां-वाराणसी मार्ग रेखन की तुलना में लगभग ३० किमी. कम होगी।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में आवागमन को और त्वरित गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारतमाला-२ में नये पथों के निर्माण के प्रस्ताव को शामिल करने हेतु भारत सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया है। इण्डो-नेपाल बॉर्डर रोड का चौड़ीकरण के अंतर्गत इण्डो-नेपाल बॉर्डर ५५२ किमी. लंबा दो लेन पथ वर्तमान में बनाया जा रहा है, जिसमें लगभग दो-तिहाई धनराशि राज्य सरकार की और एक-तिहाई भारत सरकार द्वारा वहन हो रही है।
राज्य सरकार ने इस पथ को फोर लेन चौड़ीकरण करने की अनुशंसा की है। इससे राज्य के सात जिलों यथा- पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज के बॉर्डर क्षेत्रों के आर्थिक विकास में बहुमूल्य योगदान मिलेगा। पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे के अंतर्गत राजधानी पटना की कोलकाता से सीधी एवं सुगम सम्पर्कता हासिल करने के उद्देश्य से पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे के निर्माण की अनुशंसा की गयी है। यह बिहारशरीफ के दक्षिण होते हुए सिकन्दरा कटोरिया के रास्ते कोलकाता तक जायेगा।
बैठक में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह एवं पथ निर्माण विभाग के वरीय अभियंतागण उपस्थित थे।