डीएम-एसपी ने संभाला मोर्चा, दर्जनों लोगों को लिया गया हिरासत में
रोह (नवादा)(संसू)। रविवार की सुबह को रोह थाना क्षेत्र के मरुई पंचायत के मरुई गांव और काजीचक टोला के बीच में दो समुदायों के बीच जोरदार झड़प हुई। इस झड़प के बाद दोनों तरफ़ के लोगों में भीषण रोड़ेबाजी हुई। इस रोड़ेबाजी में कई लोगों को चोटें आई परन्तु किसी ने चोट आने की सूचना नही मील पाई। यह रोड़ेबाजी लगभग कई घंटों तक चली।
घंटों रोड़ेबाजी होने के बाद स्थानीय थाना पहुचा। स्थानीय थाना के पहुचने के बाद में उपद्रवी किसी बात को सुनने के लिए तैयार नही थे। स्थानीय पुलिस रोड़ेबाजी में मुख्य दर्शक बनी रही। स्थानीय थाना की मौजूदगी में उपद्रवी रोड़ेबाजी करते रहे। दोनों समुदाय के लोग स्थानीय थाना की बात नही मान रहे थे और रोड़ेबाजी के साथ साथ लोगों के हाथों में हथियार और लाठी डंडा लिये हुए थे।
देखते ही देखते यह मामला इतना गम्भीर हो गया की जिले के डीएम और एसपी को सुचना दी गई। सूचना मिलते ही डीएम और एसपी में मौके पर पहुचकर मामला को जानकारी ली और त्वरित कार्यवाई करते हुए दोनों समुदाय के उपद्रवी और शरारती तत्वों को खदेड़ा। डीएम और एसपी के साथ-साथ जिले के अन्य थाना की पुलिस भी मौके पर पहुची। बाहरी पुलिस प्रशासनिक को देख उपद्रवी और असमाजिक तत्व भाग निकले।
मामला कुछ यूँ है विगत दो दिन पहले मरुई गांव के कुछ युवक काजीचक पानी टंकी के पास गांजा पी रहे थे। वहा पर काजीचक टोला के कुछ युवक ने गांजा पीने से रोका। इस बात को लेकर दोनों समुदाय के युवक में झड़प हुई उस दिन भी यह झड़प मारपीट में तब्दील हो गया था। मरुई पंचायत के लोगों ने इस बात को लेकर स्थानीय थाना को सूचित किया था। स्थानीय थाना के थानाधयक्ष ने इस मामले में कार्यवाई नही की थी।
वहीं अगके दिन इस बात को लेकर सुंदरा गांव के एक विद्यालय में पंचायत रखी गई। यह पंचायत रविवार के दोपहर दो बजे के बाद होनी थी। वहीं रविवार को पंचायत होने के कुछ घंटा पहले ही काजीचक गांव में भीषण झड़प हो गई। रविवार के झड़प का कारण यह है की एक समुदाय के लोगों के द्वारा पंचायती में शामिल होने जा रहे पंचों और बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। पंचों के साथ अभद्र व्यवहार होता देख काजीचक टोला के युवकों ने इसका विरोध किया। विरोध देखते ही देखते झड़प में तब्दील हो गई और झड़प भीषण रोड़ेबाजी में।
दोनों समुदाय के लोग एक दुसरे पर रोड़ेबाजी कर रहे थे। सूत्रों के द्वारा पता चला है की रविवार की घटना में 20 राउंड फ़ायरिंग की सूचना मिल रही है मगर इसकी अधिकारीक सूचना नही है। स्थानीय पुलिस और जिला पुलिस फ़ायरिंग की बात से इंकार कर रहे हैं। उपद्रवी लगभग तीन-चार घंटों तक रोड़ेबाजी उपद्रव करते रहे। जिला पुलिस प्रशासन आने के बाद दोनों समुदाय के उपद्रवी वहां से भाग खड़े हुए।
डीएम और एसपी ने त्वरित कार्यवाई की। कार्यवाई में डीएम एसपी ने खुद से दर्जन भर से अधिक उपद्रवी को हिरासत में ली। देखते ही देखते मरुई और काजीचक टोला पुलिस छाबनी में तब्दील हो गया। जिला के अधिकांश थाना की पुलिस, और स्वाट टीम मरुई गांव पहुची। वहीं पुलिस ने मौके से दो धारदार हथियार बरामद किया। वहीं एसपी ने खुद दोनों गांव में दंडाधिकारी नियुक्त समेत पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई। वहीं स्थानीय थाना की पुलिस पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिया की किसी भी सूरत में और असमाजिक तत्वों को हिरासत में लिया जाए।
वहीं इस मौके अनुमंडल पदाधिकारी रजौली चन्द्रशेखर आजाद, अनुमंडल पदाधिकारी नवादा उमेश भारती, एसडीपीओ नवादा उपेन्द्र प्रसाद, एसडीपीओ पकरीबरवा मुकेश साह, पकरीबरवा पुलिस निरीक्षक संजीव कुमार, कौआकोल थाना, पकरीबरवा थाना, रूपौ ओपी थानाध्यक्ष अजय कुमार, कादिरगंज ओपी थानाध्यक्ष सूरज कुमार, धामौल ओपी थानाध्यक्ष नीरज कुमार, वारसलीगंज थाना पवन कुमार, रोह अंचल के सीओ सौम्या, बीडीओ कुमार अश्वनी समेत स्थानीय थाना के पुलिस बल मौजूद थे। घटना के 48 घंटे बाद भी युवक की संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझाने में पुलिस बिफ़लता से पीड़ित परिजनों में असंतोष है।