पटना। केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद हर स्तर पर बिहार के विकास से जुड़े हर मुद्दे पर खूब चर्चा हो रही है। सबसे अधिक नोटिस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वक्तव्यों का लिया जा रहा है। बधाई के छोटे संदेश से लेकर अपने संक्षिप्त संबोधन में भी वह बिहार के विकास की बात जोड़ते रहे।
रविवार को जब केंद्र में नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली तो नीतीश कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर उनके लिए बधाई का पोस्ट किया। इस बधाई संदेश के साथ उन्होंने यह जोड़ा कि नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगा तथा बिहार के विकास में भी पूरा सहयोग मिलेगा।
दो दिनों के भीतर यह दूसरा मौका था जब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की संज्ञान में बिहार के विकास की बात लाई थी।
नीतीश कुमार का एक्स हैंडल पर पोस्ट। फोटो- एक्स
केंद्र में नई सरकार के अस्तित्व में आने के दो दिन पहले जब दिल्ली में एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री को अपनी बात रखने का अवसर मिला तो वहां भी उन्होंने बिहार के विकास की बात कही।
‘बिहार के लिए जो कुछ शेष रह गया है…’
अपने संबोधन में उन्होंने यह विशेष रूप से जोड़ा कि बिहार के लिए जो कुछ शेष रह गया है उसे प्रधानमंत्री इस बार पूरा कर देंगे। उनका सीधा आशय बिहार के लिए विशेष पैकेज व विशेष राज्य के दर्जा से जुड़ी मांग से था।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त जदयू के तमाम दिग्गज भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा जैसी पुरानी मांग की बात प्रमु्खता से करने लगे हैं। नई सरकार के गठन के बाद बिहार के विकास की बात अकारण नहीं कही जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना का विषय है।
जब बिहार में डबल इंजन की सरकार नहीं थी तब पथ निर्माण विभाग ने भारतमाला योजना के तहत कई नई ग्रीन फील्ड सड़कों का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा था। उन प्रस्तावों को अभी मंजूरी नहीं मिली है। इसी तरह कई पुराने एनएच प्रोजेक्ट के निर्माण की गति अभी धीमी है। गंगा पर दो नए पुल का निर्माण भी कराया जाना है। निविदा की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कार्यादेश भी हो गया है पर काम तेजी से नहीं हो रहा।
इसी तरह स्वास्थ्य सेक्टर में दरभंगा में एम्स के निर्माण का भी मामला है। जाति आधारित गणना के बाद गरीबों की पहचान कर उन्हें स्वरोजगार के लिए राज्य सरकार दो-दो लाख रुपए की राशि उपलब्ध करा रही। राज्य सरकार का मानना है कि अगर केंद्र सरकार उसे इस मद में राशि उपलब्ध करा देती है तो यह काम लक्ष्य से पहले पूरा हो जाएगा। इस तरह कई अन्य सेक्टर में भी सीधे-सीधे केंद्र से मदद की बात कही जाती रही है।