पटना

नीतीश ने अधिकारियों को दिये सात टास्क


अधिकारी सक्रिय रहेंगे, तभी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा : मुख्यमंत्री

(आज समाचार सेवा)

पटना। तीन वर्षों बाद बिहार में आयोजित सिविल सेवा दिवस के मौके पर पटना के अधिवेशन भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केवल नीति बनाने से काम नहीं होगा, अधिकारी अगर सक्रिय रहेंगे तभी योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। उन्होंने कहा कि जब जनता काम नहीं होने की बात कहती है तो सुनकर बड़ा खराब लगता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मुख्य रूप से सात टास्क दिए जिसके मूल में यह था कि अधिकारी फील्ड में जाकर योजनाओं के क्रियान्वयन की गति देखें। जो संरचनाएं मसलन पुल, सडक़, हर घर नल का जल, बिजली, शौचालय व नली-गली योजनाओं का रखाव को प्राथमिकता में रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जब से मौका मिला है हम काम कर रहे। अगर अधिकारी काम नहीं करते तो हमलोग क्या काम कर पाते। मैैं लगातार घूम-घूमकर योजनाओं के क्रियान्वयन को देखता हूं। आगे भी हम जाकर देखते रहेंगे। यह जान लीजिए कि राजनीति करने वालों से भी अधिक सम्मान लोग काम करने वाले अधिकारी को देते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने योजनाओं पर काम किया है पर यह सुनकर काफी दु:ख होता है जब लोग शिकायतें लेकर पहुंचते हैं कि उनके यहां काम नहीं हो रहा। इसे देखना चाहिए। इसी तरह सडक़, पुल-पुलिया वह हर घर नल आदि योजनाओं का रख रखाव जरूरी है। कई शिकायतें उनके पास इस तरह की भी आयी कि लोक शिकायत निवारण अधिकारी के फैसले पर क्रियान्वयन नहीं हुआ। इन सब चीजों पर गौैर करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सात टास्क दिए। इनमें 1. लोक शिकायत निवारण कानून पर आए निर्णय का क्रियान्वयन हो रहा या नहीं 2. सर्वे सेटेलमेंट का काम ठीक से हो रहा या नहीं, उसे नीचे जाकर देखें 3. निर्माण योजनाओं का रख रखाव अनिवार्य रूप से होना चाहिए 4. सभी डीएम गांव-गांव जाकर यह देखें कि हर खेत को सिंचाई की क्या स्थिति 5. स्कूलों में जाकर देखें कि पढ़ाई का जिन्हें काम है वह आ रहे या नहीं 6. अस्पतालों का बेस फोन दुरुस्त कराना जरूरी 7. जिला निबंधन सह काउंसिलिंग सेंटर जरूर जाएं डीएम तथा जमीनी स्तर पर देखें कार्य।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकारी को कोई दूसरा काम नहीं दीजिए। लोक सेवा के अधिकार से जुड़े मामलों को जिलाधिकारियों को देखना चाहिए। सर्वे सेटलमेंट के काम को नीचे जाकर देखिए। जिलाधिकारी कुछ-कुछ गांवों में जाकर योजनाओं के काम को देखें। स्कूलों के बारे में भी यह शिकायतें आती हैं कि पढ़ाने वाले नहीं आ रहे। इसे जाकर भी देखें। अस्पतालों में पहले हमने बेस फोन लगाया था। उससे यह पता किया जाता था कि डाक्टर आ रहे या नहीं। इसे पुन: आरंभ करना चाहिए। सात निश्चय की कुछ योजनाओं के तहत जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र में जिलाधिकारी जरूर जाएं। वहां डीएम का कक्ष भी बना है। रात में चारो तरफ महीना में एक बार जरूर निकलें। इससे काफी काम हो जाएगा।